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राम न सकहिं नाम गुन गाई

कलियुग में तो केवल प्रभु के नाम कीर्तन नाम स्मरण ही सार है।

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राम न सकहिं नाम गुन गाई

 

कलियुग में तो केवल प्रभु के नाम कीर्तन नाम स्मरण ही सार है।

 

शिवकुमार शर्मा

ब्लॉक रिपोर्टर शिवरीनारायण

मो नं9575943608

 

रिगनी / खरौद नगर पंचायत खरौद के महामाया आध्यात्म परिषद के मासिक रविवारीय सत्संग 1जून 2025 के कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष शिवररात्री यादव ने उक्त विषय पर विचार ब्यक्त करते हुए कहा कि प्रभु के प्राप्ति के जितने भी मार्ग है वे सब सत्य और प्रभाव शाली होते हुए भी कलियुग में दुर्गम है ।कलियुग में तो केवल प्रभु के नाम कीर्तन नाम स्मरण ही सार है।जो सबसे सुगम है।उन्होने भगवन्नाम महिमा को एक कथा के द्वारा विस्तार से ब्यक्त करते हुए कहा-‘ राम न सकहिं नाम गुन गाई ।’स्वयं भगवान भी कहते हैं कि नाम के महिमा अपार है ।इसका कोई बखान नही कर सकता ।आज के सत्संग में रविशंकर यादव गुरुजी ने भी अपनी विचार ब्यक्त करते हुए कहा कि ‘ धर्म के क्षय और अधर्म की वृद्धि होने पर वेदों की मर्यादाएँ सुरक्षित करने के लिए धर्मसंस्थापनार्थाय सत्पुरुषों की रक्षा और असुरों की विनाश हेतु परमेश्वर का अवतार होता है। कार्यक्रम के संचालक हेमलाल यादव ने बताया कि भगवान ने हम पर बड़ी कृपा करके मानव तन दिया है। इस जीवन में प्रभु प्राप्ती के लिए सत्संग,प्रभुनाम का भजन मन लगाकर नियमित करना चाहिए, जिससे-बार बार जनमना, बार बार मरना और बार बार माता के गर्भ में शयन करना इन महा क्लेशों से सदा के लिए छुटकारा मिले।मानव जीवन का यही सरवोत्तम कर्तब्य है। सुमित्रा आदित्य गौरी यादव और पुष्पा आदित्य के सुन्दर भजन ने इस कार्यक्रम को सरस् बना दिया।सत्संग कार्यक्रम में सीताराम आदित्य लखन साहू,त्रिवेणी यादव,पवन आदित्य कनिश,युवराज आदित्य सोनकुवर मंगली, नर्मदा यादव, जानकी रामेश्वरी श्रीवास, रामा बाई शान्ति श्रीवास,छठबाई रामकली,लछ्मीन,सुन्दर आदित्य रामशरण शर्मा रवि कुमार ,झंगलु आदित्य लाला साहू आदि उपस्थित रहे।

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