नितिन केसरवानी
कौशाम्बी….पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में दिनांक 10/11.03.2025 की रात मुखबिर की सटीक सूचना पर गोतस्करों की गिरफ्तारी हेतु प्रभारी निरीक्षक मंझनपुर मय हमराह पुलिस बल द्वारा ग्राम बिछौरा के समीप पोखरे के पास दबिस दिया गया। दबिस के दौरान गोतस्करों द्वारा जान से मारने की नीयत से पुलिस टीम पर फायरिंग की गयी जवाबी कार्यवाही में आत्मरक्षार्थ पुलिस टीम द्वारा भी फायरिंग की गयी तो 01 गोतस्कर के पैर में गोली लगी जो मौके पर गिर गया तथा 02 गोतस्कर भागने लगे जिन्हे पुलिस टीम द्वारा दौड़ाकर पकड़ लिया गया। घायल अभियुक्त मोनू पुत्र मल्हू निवासी ग्राम समदा थाना मंझनपुर जनपद कौशाम्बी को बाद तलाशी एवं प्राथमिक उपचार तत्काल जिला अस्पताल मंझनपुर भेजा गया तथा अन्य 02 गिरफ्तार अभियुक्तगण का नाम पता पूछने पर अपना नाम व पता इसरार अली उर्फ लोल्ला पुत्र मंसूर अली नि० अल्लीपुर थाना मंझनपुर जनपद कौशाम्बी एवं गुफरान पुत्र जहीरूद्दीन नि० हसनपुर थाना जेठवारा जनपद प्रतापगढ़ बताया गया । अभियुक्तों की जामा तलाशी ली गयी तो उनके कब्जे से नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद हुए। अभियुक्तगणों की निशादेही पर टीले के पास आम के पेड़ के नीचे बंधा हुआ बछड़ा, (जिसे काटनें के लिये लाये थे) तथा गाय काटने के उपकरण व टेम्पों बरामद किया गया। बरामद बछड़े को नियमानुसार सुपुर्द करने की कार्यवाही की जा रही है तथा टेम्पों को थाने पर लाकर सीज किया गया।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तगणों नें थाना स्थानीय पर पूर्व में पंजीकृत मु0अ0सं0 53/25 धारा 303(2) बीएनएस व 3/5/8 गोवध निवारण अधिनियम से सम्बन्धित जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि दिनांक 9/10.03.2025 की रात्रि को सोनारन के पुरवा मस्जिद के पास बँधे बैल को चोरी करके ससुर खदेरी नदी के किनारे खेत में काटकर मांस बेचने के लिये ले गये थे तथा उसके अस्थि पंजर व खाल आदि वहीं पर छोड़ दिये थे। अभियुक्तगणों नें पूछताछ में यह भी बताया कि हमलोग गोवध करके उसका मांस बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते है, पहले भी हमलोग जेल जा चुके है।
उपरोक्त कार्यवाही के उपरान्त गिरफ्तार अभियुक्तगणों को पुलिस हिरासत में लेकर तथा बरामद तमंचा कारतूस, गाय काटने के उपकरण आदि नियमानुसार कब्जे में लेकर थाना स्थानीय पर समुचित धाराओं में अभियोग पंजिकृत किया गया। विधिक कार्यवाही के पश्चात अभियुक्तगणों को न्यायालय के समक्ष प्रेषित किया गया।