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कटनी जिलें में खनिज विभाग की अंधेरगर्दी, बड़े पुट्टी उद्योग बिरला व्हाइट और जे के पर खनिज निरीक्षक की मेहरबानी…?

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कटनी जिलें में खनिज विभाग की अंधेरगर्दी, बड़े पुट्टी उद्योग बिरला व्हाइट और जे के पर खनिज निरीक्षक की मेहरबानी…?

 

छोटे उद्योग पर 6 लाख 12 हजार रुपए का कलेक्टर से लगवाया जुर्माना 

 

खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति के बिना भंडारित खनिज पर खनिज निरीक्षक ने नही की कार्यवाही,

 

संचालक से मार्गदर्शन तो नही की कार्यवाही, म प्र सरकार को लगा दिया 42 करोड़ का चूना

 

मनीष कुमार राठौर 

8109571743

 

भोपाल / कटनी । मध्यप्रदेश के कटनी जिलें में खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति लिए बिना फेक्ट्री में खनिज रखना में खनिज विभाग छोटे उद्योग पर तो कार्यवाही कर जुर्माना बशुलने की कार्यवाही करता है लेकिन जब कोई बड़ा उद्योग नियम का पालन नहीं करता तब उस पर खनिज निरीक्षक के साथ खनिज अधिकारी भी मेहरबान हो जाते है खनिज विभाग के निरीक्षक और अधिकारी साथ मिल कर म प्र सरकार को जुर्माने के तौर पर मिलने वाले राजस्व का करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे है ।

 

मामला है कटनी जिले के बड़वारा तहसील के झरेला और रूपोंध ग्राम का जहा डोलोमाईट खनिज पर आधारित बाल पुट्टी कारखाने संचालित है जिसमे म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2006 एव यथा संधोधित नियम 2022 लागू होता है जिसमे स्पष्ठ नियमो में प्रावधान है कि जहाँ भी खनिज का स्टॉक कर व्यवसाय किया जाएगा एव खनिज आधारित उत्पाद बनाएगा उन पर भंडारण अधिनियम 2006 , 2012 एव यथा संसोधित 2022 लागू होगा लेकिन कटनी जिले में बड़वारा तहसील के ग्राम झरेला में मेसर्स अल्ट्राट्रेक सीमेंट लिमिटेड और ग्राम रूपोंध में मेसर्स जे के व्हाइट द्वारा डोलोमाईट एव मार्बल दुकड़े सहित अन्य खनिज का हजारों टन भंडारण कर उक्त खनिजों का पाउडर बनाकर फिर बाल पुट्टी का निर्माण किया जाता है उक्त कारखानों पर रखा हजारों टन खनिज खुद बया कर रहा है की उक्त बाल पुट्टी कारखानों पर

म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2006 , 2012 एव यथा संधोधित नियम 2022 लागू होता है जिन पर खनिज भंडारण नियम 2022 के 18(6) के तहत अर्थ शस्ति का दुगना जुर्माना लगना था जो खनिज निरीक्षक ने नही किया जिससे सरकार को जुर्माने के तौर पर मिलने वाले करोड़ो रुपए के राजस्व का नुकसान हो गया।

 

पुट्टी प्लांटो में भंडारित खनिज को वैध करने प्लांटो के अधिकारियों द्वारा खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति लेने के लिए जे के वाल पुट्टी रूपोंध ने दिनांक 12/7/2023 और अल्ट्राट्रेक बिरला व्हाइट झरेला ने दिनांक 22/11/2023 को आन लाइन आवेदन कर दिया , जिस पर खनिज विभाग ने कार्यवाही बढ़ाते हुए पटवारी प्रतिवेदन और खनिज निरीक्षक से प्रतिवेदन मगाया गया । यही से शुरू होती है प्लांटों को जुर्माने से बचाने की कवायद

 

 

 

जे के पुट्टी कारखाना पर मेहरबान खनिज निरीक्षक 

 

जे के पुट्टी कारखाना की खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति आवेदन पर खनिज निरीक्षक ने प्लांट का 4/1/2024 को स्थल निरीक्षण किया और दिनांक 5/1/2024 को प्रतिवेदन दिया । प्रतिवेदन में स्थल निरीक्षण की तारीख लिखते है 4/1/2024 तो वही हस्ताक्षर करने के बाद लिखते है तारीख 5/1/2023 वही प्रतिवेदन में लिखते है की उक्त आवेदित स्थल पर डोलोमाइट खनिज 65000 हजार टन तथा वेस्टेज मार्बल 10 हजार टन रखा है भंडारण नियम 2002 में प्रावधान के अनुसार खनिज निरीक्षक को प्लांटो पर भंडारित खनिज पर कार्यवाही कर जुर्माने के लिए प्रकरण खनिज अधिकारी के समक्ष रखना जैसा की जिले में पदस्थ अन्य खनिज निरीक्षक करते है लेकिन बड़वारा तहसील के खनिज निरीक्षक ने ऐसा न करके प्रतिवेदन में लिख दिया की संचालक से मार्गदर्शन मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी जिससे स्पष्ट हे की खनिज निरीक्षक ने अवैध भंडारण प्रकरण न बनाकर सरकार को करोड़ो रुपए की क्षति पहुंचा दी और खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति 12/6/2024 को जारी करवा दी।

 

वही खनिज विभाग की अंधेरगर्दी बड़े उद्योग को छूट और एक छोटा सा उद्योग जो जिले की स्लिमानबाद तहसील के अंतर्गत लिंगरी गांव में एक छोटा सा कारखाना है जहा फायर क्ले की पिसाई होती है फेक्ट्री स्थल पर कुल 170 टन फायर क्ले खनिज रखा था उस पर कार्यवाही करते हुए..तत्कालीन खनिज अधिकारी ने छोटे उद्घोग पर 170 टन फायर क्ले के भंडारण पर कार्यवाही कर 6 लाख 12 हजार रुपए का जुर्माना लगवाया गया तब मार्गदर्शन लेने की संचालक से जरूरत नहीं थी उस छोटे उद्योग पर जुर्माना लगा दिया जहा करोड़ो रुपए जुर्माना बिरला व्हाइट और जे के पर लगना था उस पर खनिज निरीक्षक और खनिज अधिकारी मेहरबानी दिखाई दिए । बड़े उद्योगों पर संचालक भौमकी तथा खनिकर्म से मार्गदर्शन का हवाला देकर बड़े उद्योग पर नही की अवैध भंडारण की कार्यवाही जिससे म प्रा सरकार को लगा दिया 42 करोड़ का राजस्व का नुकसान हो गया है आखिर इसकी भरपाई किस्से होगी खनिज निरीक्षक ,खनिज अधिकारी या उद्योग संचालकों से।

 

 

 

इस प्रकार होनी थी जुर्माने की कार्यवाही …

 

खनिज निरीक्षक द्वारा दिए गए प्रतिवेदन दिनांक 5/1/2024 के अनुसार भंडारण जारी होने के पूर्व जे के पुट्टी कारखाने में रखा खनिज

 

डोलोमाइट – 65000 टन की रॉयलटी 100 /- प्रति टन से 6500000/-(65 लाख रूपये)

 

वेस्टेज मार्बल 200 घन मीटर / 80 /- रुपए प्रति टन से-10,000 हजार टन की रायलटी – 8 लाख रुपए

 

टोटल रॉयल्टी -65 लाख + 8 लाख = 73 लाख रुपए

 

73 लाख का 15 गुना जुर्माना – 10 करोड़ 95 लाख रुपए बना

 

पर्यावरण क्षति पूर्ति – 15 गुना 10 करोड़ 95 लाख

 

प्रशमन शुल्क –1000/रुपए

 

टोटल हुआ 21 करोड़ 90 लाख एक हजार रुपए का दुगना जुर्माने होकर सरकार को 42 करोड़ के ऊपर मिलना था वो भी सिर्फ एक कारखाने से विरला व्हाइट का अभी बाकी है उसका भी करोड़ो रुपए बनेगा जुर्माना।

 

अब देखना होगा कि म प्र की मोहन सरकार ऐसे खनिज निरीक्षक जो सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन पर क्या कार्यवाही करती है।

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