राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने किया बेसहारा का अंतिम संस्कार सांप के काटने से हुई थी मौत, पत्नी और पुलिस की मौजूदगी में हुआ विधिवत अंतिम संस्कार
राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने किया बेसहारा का अंतिम संस्कार
सांप के काटने से हुई थी मौत, पत्नी और पुलिस की मौजूदगी में हुआ विधिवत अंतिम संस्कार
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बैतूल। जब किसी व्यक्ति का सहारा या मददगार नहीं होता, तब ईश्वर उसकी मदद करता है। राष्ट्रीय हिंदू सेना ने इस कहावत को चरितार्थ किया है। राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने एक बार फिर अपने संकल्प को पूरा करते हुए एक बेसहारा व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। मृतक कमल आहके (40 वर्ष), जो अपनी बुजुर्ग मौसी के घर बाजपुर मेहमान के रूप में आया था, कमल की मौत सांप के काटने से हो गई थी।
मृतक की पत्नी श्यामवती और पुलिस की मौजूदगी में राष्ट्रीय हिन्दू सेना के सदस्यों ने विधिवत रीति-रिवाज से करबला घाट पर अंतिम संस्कार किया। संगठन के जिला अध्यक्ष अनुज राठोर ने बताया कि कमल आहके अपने परिवार का एकलौता कमाऊ सदस्य था और उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। श्यामवती और उनके दो छोटे पुत्रों (9 वर्ष और 3 माह) की स्थिति बेहद दयनीय है।
राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने समाजसेवा के अपने आदर्शों का पालन करते हुए कमल आहके का अंतिम संस्कार किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय और प्रदेश संयोजक पवन मालवीय ने जिला अस्पताल पहुंचकर पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियों का जायजा लिया। यादव एंबुलेंस संचालक के सहयोग से मृतक का शव करबला घाट लाया गया, जहां पर विधिवत अंतिम संस्कार संपन्न किया गया।
— इन्होंने निभाई सक्रिय भूमिका–
संगठन के प्रफुल्ल ठाकरे जी नगर महामंत्री बिटू गोयल, अरुण कलोशनिया, विश्वनाथ चदेलकर, रविशंकर रावत और बालाराम करोचे ने भी अंतिम संस्कार में सक्रिय भूमिका निभाई। बाजपूर उप सरपंच राकेश गगारे ने बताया कि मृतक आदिवासी समाज से था, इसलिए उसे मिट्टी दी गई है। पुलिस विभाग से प्रधान आरक्षक हीतू लाल और आरक्षक अनिरुद्ध यादव भी इस सराहनीय कार्य में उपस्थित रहे।
— समाजसेवा की मिसाल–
राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वे समाज के हर वर्ग की सहायता के लिए तत्पर हैं। संगठन का यह कार्य न केवल सराहनीय है, बल्कि अन्य संगठनों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। राष्ट्रीय हिन्दू सेना का यह प्रयास उन बेसहारा और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रहा है, जो अपनों के खोने के बाद आर्थिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे संगठन जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं और भगवान के काम को धरती पर करके दिखा सकते हैं।