कुछ चौकियां तो ऐसी भी जो एक दिन भी नहीं खुली गाड़ियों पर जम गई धूल,सूनी पुलिस चौकियां मदद चाहिए तो लगाना
कुछ चौकियां तो ऐसी भी जो एक दिन भी नहीं खुली गाड़ियों पर जम गई धूल,सूनी पुलिस चौकियां मदद चाहिए तो लगाना
*दैनिक ऊष्मा की आवाज जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी *जिला रायसेन*
पड़ती थाने तक दौड़
रायसेन ।शहर के अति संवेदनशील क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों में पुलिस ने चौकी तो बनाई है।,लेकिन जरूरत होने पर मदद करने वाला यहां कोई नहीं मिलता है। ऐसे में आमजन को थाने तक दौड़ लगाने की मजबूरी हो रही है। कुछ मीडिया कर्मियों ने शहर की अलग-अलग चौकियों को स्कैन किया तो इन पर ताले लगे हुए नजर आए। कुछ पुलिस चौकियों में सालों से ताले बन्द रहने से धूल की परतें जमी हैं।जिम्मेदारों का कहना है अभी लोकसभा चुनाव ड्यूटी में व्यस्त है, चुनाव के बाद चौकी पर लगे ताले खुलेंगे।
समय- दोपहर साढ़े बारह बजे
स्थान: शिकारीपुरा पुलिस चौकी
दृश्य-इस पुलिस चौकी की स्थापना बीते 15-20 वर्ष पूर्व लूट की एक घटना के बाद हुई थी।,उस समय स्टाफ भी तैनात किया गया था। इस चौकी पर ताला लटका हुआ था। जबकि कृषि उपज मंडी में इस समय फसल की आवक होने से तीन-चार हजार किसान प्रतिदिन एकत्रित होते हैं। किसानों ने कहा कि पुलिस चौकी है तो कोई न कोई पुलिस कर्मी तो रहना चाहिए।
समय: दोपहर एक बजे
स्थान: दुर्गा चौक पुराना बस स्टैंड पुलिस चौकी
दृश्य- तत्कालीन एसपी मनीष शंकर शर्मा द्वारा यह पुलिस चौकी कई वर्ष पुरानी स्थापित की गई थी। यहां पूर्व में पुलिस कर्मी तैनात रहते थे। इस पुलिस चौकी पर बाहर से चैनल गेट पर ताला लगा हुआ है। स्थानीय लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि शिकायत करना है तो सिटी कोतवाली रायसेन पुलिस थाने जाना पड़ेगा।
पुलिस चौकी जिला अस्पताल
जिला अस्पताल में भी लगभग 10 साल पहले पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी।वो इसलिए कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों नर्सों अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच मरीजों उनके अटेंडरों के बीच आएदिन विवाद की स्थिति निर्मित होती थी।ताकि विवाद को खत्म किया जा सके।
इनका कहना है
लोकसभा चुनाव ड्यूटी में पुलिस स्टाफ लगा हुआ है। इसके बाद सभी पुलिस चौकियों पर स्टाफ ड्यूटी करता नजर आएगा। फिर भी हमारा स्टाफ सक्रिय है और घटना होने के बाद तत्काल अपराधियों को पकड़ा जा रहा है।कमलेश कुमार खरपुसे उप पुलिस अधीक्षक रायसेन