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शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए जंगल की जनता ने किया शिक्षक का विरोध
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क्या सरकार के करोड़ों रुपए की योजनाओं को पलीता लगाते शिक्षक बलदेव हनोते ?
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
बैतूल / भोपाल । मध्य प्रदेश का आदिवासी बहुल जिला बैतूल के घोड़ाडोंगरी ब्लाक अंतर्गत आने वाले प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा केंद्र भतोड़ी में पदस्थ शिक्षक बलदेव हनोते के कारण घने जंगलों के बीचो-बीच बसा भतोड़ी स्कूल लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है, सरकार के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर शिक्षा के मंदिर का निर्माण कराया गया जहां पर आज से कुछ वर्ष पूर्व तक आवागमन के लिए सड़क की व्यवस्था भी नहीं थी वहां पर शिक्षा को प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने की चाह रखने वाले आदिवासी नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ आज धोखा किया जा रहा है । जहां पर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का कार्यभार देख रहे हैं शिक्षक बलदेव हनोते के द्वारा समय पर स्कूल में नहीं आया जाता, कभी कभी तो कई दिनों तक स्कूल नही जाते है, वहीं इस शिक्षक के द्वारा बच्चों को पढ़ाया भी नहीं जाता है । जबकि इनकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा लगातार करने के बाद भी बैतूल जिले के उच्च अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रैंगती है । बैतूल का आदिमजाति कल्याण विभाग आखिर कब प्रधान पाठक बलदेव हनोते के ऊपर कार्यवाही करेगा ?
क्योंकि जंगलों में बसे शिक्षा के मंदिर को उन्हीं के शिक्षकों के द्वारा कलंकित किया जा रहा है ? क्योंकि प्राइम संदेश के सूत्रों ने बताया कि बलदेव हनौते शिक्षक होने के बाद भी स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं आते हैं वही हफ्ते में कभी भूले भटके पहुंच भी जाते हैं स्कूल तो एक-दो घंटे बैठकर अतिथि शिक्षकों को डरा धमकाकर अपने पद का रौब दिखाकर चले जाते हैं ? क्या इस प्रकार के शिक्षकों की आवश्यकता शिक्षा के पवित्र मंदिर में है ? क्या ऐसे शिक्षकों को उच्च अधिकारियों के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है ? आखिर कब ऐसे प्रधान पाठक के ऊपर कड़ी कार्रवाई विभाग करेगा ? या ऐसे ही ग्रामीण आदिवासी अंचलों में बच्चों का भविष्य धूमिल होता रहेगा ।
क्या कहना है ।
जब PRIMES TV News के द्वारा स्कूल में उपस्थित नहीं होने का सवाल पूछा गया तो प्रधान पाठक गोलमोल जवाब देते नजर आए ।
बलदेव हनोते प्रधान पाठक भतोड़ी