प्राचार्य डॉ. जी. एल जैन जानकारी देने में असमर्थ
सूत्रों के अनुसार 2 कर्मचारियों के मानदेय को 18 लोगों में बाटने की तैयारी
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
सीहोर / भोपाल । मध्य प्रदेश में गरीबों के हक को किस प्रकार से कुचला जाता है इसका उदाहरण देखना है तो आपको सीहोर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में आना पड़ेगा, जहां पर 2020-21 में रुकी भोज मुक्त विश्वविद्यालय से प्राप्त राशि को लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को देनी थी परंतु शासकीय कन्या महाविद्यालय सीहोर में दो व्यक्तियों को मिलने वाली राशि को 18 लोगों में विभाजित करने की तैयारी चल रही है । आपको बता दे कि लिपिक और भ्रत्य कर्मचारियों के मुंह से निवाला छीनने तैयारी पूरी कर ली गई है ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश का सीहोर कन्या महाविद्यालय आए दिन अनियमितता और घोटाले को लेकर सुर्खियों में रहता है जहां पर कभी कॉलेज के अंदर से गार्ड के द्वारा कुर्सियों टेबल की चोरी की जाती है तो वहीं चोरी करने वाले कर्मचारियों को निलंबित कर वापस से साठगांठ कर रख लिया जाता है, यह तो वही हुआ की दूध की रखवाली बिल्ली को करने के लिए दे दी जाती है । सीहोर कन्या महाविद्यालय की कहानी और किस्से यही नहीं रुकते सूत्रों की माने तो इस कॉलेज में वर्ल्ड बैंक से आई राशियों को भी ठिकाने लगाने के लिए बंदरबाट किया जाता है ? जिसकी शिकायत कलेक्टर को होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती वही जन भागीदारी समिति में ऐसी अनेक अनियमित है जिसकी जांच के लिए विश्वविद्यालय को कई बार लिखा गया परंतु मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर राजनीति हावी हो जाती है । और घोटाले निकलने से पहले ही दबा दिए जाते हैं जब इस प्रकार से शासन प्रशासन का रवैया रहेगा तो जो सुविधा आम जनता के छात्र-छात्राओं को मिलनी चाहिए वह उनको नहीं मिल पाती है वही महाविद्यालय यही नहीं रुकते हुए ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारी के हक को भी डकारने में लग जाता है ।
क्या कहना है ।
नियम अनुसार बटेगी, आपको जानने का अधिकार नहीं है ।
ड्रॉ. जी एल जैन प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय सीहोर एमपी