महोत्सव में शिक्षा, संस्कृति और प्रशासन का भव्य संगम
ज्ञानेंद्र पांडेय
धनपुरी।
शिक्षा के क्षेत्र में 25 वर्षों की निरंतर, मूल्यनिष्ठ और अनुशासित सेवा का प्रतीक बने एमजीएम विद्यालय, बुढ़ार ने अपनी स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर भव्य समारोह ‘आरोहण–2025’ का आयोजन किया। यह ऐतिहासिक आयोजन विद्यालय प्रांगण में गरिमा, सांस्कृतिक चेतना और प्रशासनिक उपस्थिति के साथ संपन्न हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र के शैक्षणिक परिदृश्य को नई दिशा देने का संदेश दिया।
प्रशासनिक नेतृत्व की उपस्थिति में हुआ ऐतिहासिक आयोजन
समारोह के मुख्य अतिथि शहडोल के अपर कलेक्टर श्री शिवम प्रजापति (आईएएस) रहे। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा कि “25 वर्षों की यात्रा किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए केवल समय की उपलब्धि नहीं, बल्कि हजारों विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण की तपस्या होती है। एमजीएम विद्यालय ने शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर समाज को सशक्त बनाने का सराहनीय कार्य किया है।”
बिशप की अध्यक्षता में सेवा और समर्पण का संदेश
समारोह की अध्यक्षता एमजीएम समूह के प्रबंधक बिशप हिज़ ग्रेस एलेक्सियोस मार यूसेबियस ने की। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है, जब उसमें सेवा, करुणा और संस्कारों का समावेश हो।
विशिष्ट अतिथि के रूप में धनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रविंदर कौर छाबड़ा एवं एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) श्री मनीष श्रीवास्तव उपस्थित रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
विद्यालय के प्राचार्य रेव. फादर डाइनू कुरियन ने स्वागत उद्बोधन में विद्यालय की 25 वर्षों की विकास यात्रा, शैक्षणिक उपलब्धियों और सामाजिक योगदान का संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
पूर्व प्राचार्यों का सम्मान, स्मृतियों का सम्मान
समारोह में विद्यालय के पूर्व प्राचार्य रेव. फादर जेम्स गीवरगीस एवं रेव. फादर कुरियन जॉन की गरिमामयी उपस्थिति रही। उनके कार्यकाल में स्थापित अनुशासन, गुणवत्ता और शैक्षणिक परंपराओं के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह क्षण संस्था की विरासत और निरंतरता का प्रतीक बना।
25 वर्षों की सेवा के लिए कर्मठ कर्मचारियों का अभिनंदन
विद्यालय की प्रगति में अहम भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों को भी रजत जयंती के अवसर पर सम्मानित किया गया। श्रीमती लिगी मनोज, श्रीमती बिनु विनोद एवं श्री जॉन पी. थॉमस को 25 वर्षों की निष्ठावान सेवा के लिए स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। सम्मान समारोह के दौरान पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरे कला और संस्कारों के रंग
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। पारंपरिक नृत्य, समूह गायन, नाट्य मंचन एवं आधुनिक विषयों पर आधारित प्रस्तुतियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और समकालीन शिक्षा का संदेश प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
मेधावी छात्र एवं राज्य स्तरीय खिलाड़ी हुए सम्मानित
समारोह में विद्यालय के शैक्षणिक और खेल क्षेत्र के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विज्ञान वर्ग: आर्यन पटेल ,वाणिज्य वर्ग: अर्पिता तिवारी एवं दिव्यांगना सिंह ,आईसीएसई: अनुभव मिश्रा (विज्ञान) एवं गीत जैन (वाणिज्य)
राज्य स्तरीय खेल उपलब्धियों के लिए—
फुटबॉल: लक्ष्य वर्मा, यश सिंह ,फुटबॉल एवं सेपक-टकराव: सौम्या ओट्टी ,बैडमिंटन: पार्थ गुप्ता,क्रिकेट: मीमांश शर्माको प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने विद्यार्थियों की मेहनत, अनुशासन और खेल भावना की सराहना की।
अनुशासन, गुणवत्ता और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक एमजीएम
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि एमजीएम विद्यालय बुढ़ार केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक, बौद्धिक और नैतिक विकास का सशक्त केंद्र बन चुका है। 25 वर्षों की यह यात्रा सामूहिक प्रयास, प्रशासनिक सहयोग और शैक्षणिक नवाचार का परिणाम है।
भविष्य के लिए संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर प्राचार्य रेव. फादर डाइनू कुरियन ने सभी अतिथियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अभिभावकों एवं विद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया और संकल्प दोहराया कि आने वाले वर्षों में भी एमजीएम विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं चरित्र निर्माण के अपने मिशन को और अधिक सुदृढ़ करेगा।