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खंडवा का विकास मॉडल-शिवसेना

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खंडवा का विकास मॉडल-शिवसेना

 

खंडवा। वर्ष 2025 जाने वाला है एवं वर्ष 2026 आने वाला है लेकिन 2025 बहुत कुछ दिखा गया है। विकास के नाम पर दूध तलाई व शक्कर तालाब के आसपास जिला प्रशासन में जेसीबी चला दी अब इस क्षेत्र को नगर निगम एवं जिला प्रशासन विकास का मॉडल की नजर से देख रही है ।

लेकिन बात करें शहर के हृदय स्थल घंटाघर, नगर निगम कार्यालय, जिला अस्पताल के पास, जलेबी चौक कहारवाड़ी इमली पुरा ,खानसावली इंदिरा चौक, माता चौक ,बुधवार, दूध गली में भी विकास के लिए बहुत ज्यादा जिम्मेदारी से काम किया गया । अब इन क्षेत्रों में सड़कों पर फिर से अतिक्रमण का विकास दिख रहा है। इस तरह के विकास को देखकर हर कोई फुल नहीं समा रहा है । उक्त टिप्पणी करते हुए शिवसेना प्रमुख गणेश भावसार ने कहा कि एक तरफ तो शहर से लगी नदी नालो के पास ही कॉलोनिया काट दी गई । वह किसी को नहीं दिखा एवं दूसरी ओर गरीबों के आशियाने विकास के नाम पर जमी दोष कर दिए गए । क्या महर्षिदधचि एवं मांनव चंडी मेला महंतबबा गंगाराम लोधी सनातनी का अपमान भाजपा का यह विकास 2025 का याद रहेगा ताकि 2027 के नगर निगम चुनाव मैं इस विकास मॉडल को मतदाताओं से रूबरू कराया जाएगा। पूर्व में भी पार्किंग के नाम पर महर्षि दधीचि पार्क मैं जेसीबी से बाउंड्री वॉल एवं हरे भरे पेड़ों को जमी दोष दिनदहाड़े कर दिया गया था। अब यहां पर वर्तमान में नगर निगम पार्किंग ठेका संचालित कर रही है। सवाल यह उठता है कि पौधारोपण के नाम पर नए पार्क विकसित किया जा रहे हैं एक पौधा लगाने पर भी फोटो सेशन हो रहा है तो फिर जो ब्रिटिश कालीन दजिक पार्क था उसमें लगे हुए हरे भरे पेड़ों को क्यों जेसीबी से जमी दोष किया गया।

श्री भावसार ने आगे कहा कि शहर के विकास के लिए भाजपा के पास कोई कार्य योजना नहीं है अगर होती तो तीन पुलिया ओरब्रिज, खंडवा मूदी मार्ग एवं शहर के प्रमुख मार्ग समस्याओं से नहीं घिरे रहते।हमें यह भी याद रखना चाहिए कि इस शहर में अगर पानी मांगो तो एफआईआर दर्ज हो जाती है और दूसरी तरफ आरटीओ के खिलाफ चक्का जाम कर दिया जाए तो कोई कार्रवाई नहीं होती है।

 

,,, बेसमेंट में बेखौफ कमर्शियल कारोबार, निगम नोटिस देकर कार्रवाई करना भूला,,

नगरीय क्षेत्र में कॉम्प्लेक्स संचालक नियम विरुद्ध बेसमेंट में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे है। निगम ने नंबवर-2024 से दिसंबर के बीच दो चरणों में 70 से अधिक को नोटिस दिया है। दोनों चरणों में सिर्फ बारह पर कार्रवाई की। पहले चरण में सात और दूसरे चरण में पांच बेसमेंट सील किया था। शपथ पत्र और 10-10 हजार रुपए लेकर नियम के तहत करने की मोहलत दी गई थी। अभी वर्तमान की स्थिति में भी यह विकास का मॉडल देखा जा सकता है।

इस तरह की दोहरी नीति खंडवा की आम जनता देख रही है । अब 2026 करीब है इस वर्ष में भी कौन सा विकास मॉडल दिखाया जाएगा यह सोचनीय पहलू है।

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