लोकेशन धामनोद
संवाददाता मोनू पटेल
धामनोद में विकास कार्य ठप! पार्षदों ने जिम्मेदार पदाधिकारीयों पर लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप,

धामनोद। नगर के विकास कार्यों में हो रही लगातार लापरवाहियों और बाधित योजनाओं को लेकर धामनोद नगर परिषद के पार्षद का सब्र आखिर टूट गया है। नगर की बदहाल सड़कों, जलापूर्ति, स्वच्छता और प्रशासनिक उदासीनता से परेशान पार्षद अब चरणबद्ध धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इसके लिए आज पार्षद जितेंद्र फौजी अधिकारियों को आवेदन सौंपा।
नगर में फूडी से मेन रोड तक की स्थिति इतनी जर्जर है कि धामनोद, जिसे ‘कॉटन हब’ के नाम से जाना जाता है, वहां रोजाना लाखों–करोड़ों का व्यापार करने वाले व्यापारी इन खराब सड़कों के कारण शहर में प्रवेश करने से बच रहे हैं। इससे स्थानीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
पार्षद जितेंद्र फौजी ने आरोप लगाया कि पिछले 4 वर्षों से इनके कार्यकाल में नगर के विकास कार्य लगभग ठप पड़ गए हैं।
लंबे समय से लगातार निर्माण कार्य, स्वच्छता व्यवस्था, सड़कें, जल आपूर्ति और मूलभूत सुविधाओं को लेकर नगरवासियों द्वारा की गई शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
पार्षद जितेंद्र फौजी द्वारा दिए गए ज्ञापन में कुल 14 गंभीर बिंदु दर्ज किए गए हैं
* तीन वर्षों में पारित सैकड़ों प्रस्तावों की तकनीकी स्वीकृति नहीं
* वार्डों में इलेक्ट्रिक पोल की TS लंबित
* खलघाट मुक्तिधाम की जगह चयन आज तक नहीं
* जर्जर पुरानी पंचायत भवन का पुनर्निर्माण अधूरा
* ट्रेन्चिंग ग्राउंड बाउंड्रीवाल निर्माण न होना
* 15 वार्डों में एक भी नई सड़क प्रक्रिया प्रारंभ नहीं
* CM हेल्पलाइन की सैकड़ों शिकायतों का निराकरण शून्य
* फायर ब्रिगेड एक वर्ष से रिपेयरिंग में अटका—भुगतान न होने से नहीं लौट रहा
* स्वच्छता व्यवस्था बदहाल, नालियां खुली, कचरा वाहन खस्ता हाल
* आवारा पशु और कुत्तों पर कोई नियंत्रण
* कर्मचारियों का 8–10 महीने का वेतन बकाया
* एकल हस्ताक्षर से बिना परिषद की अनुमति करोड़ों की राशि आहरित
* CMO का स्थानांतरण कई बड़े अधिकारियों, विधायक और केंद्रीय मंत्री द्वारा अनुशंसित, फिर भी कार्रवाई नहीं
* बदहाल सड़कें—सुन्द्रेल फाटा से फूडी तक दुर्घटनाओं की मुख्य वजह

पार्षदों का कहना है कि बार-बार ज्ञापन, शिकायतें और स्मरण पत्र भेजे गए, लेकिन आज तक एक भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।
आज 13 दिसंबर 2024 से पुरानी नगर परिषद के सामने चरणबद्ध धरने की शुरुआत की।
नगरवासियों का भी आरोप है कि धामनोद जैसे प्रमुख व्यापारिक नगर को योजनाबद्ध तरीके से विकास से वंचित किया जा रहा है।
धरना प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने चेतावनी दी कि
“यदि नगर के विकास कार्यों को शीघ्र गति नहीं मिली, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।”