बैतूल / घोड़ाडोंगरी / गीता जयंती का आयोजन
घोड़ाडोंगरी / मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद घोड़ा डोंगरी द्वारा आज शासकीय महाविद्यालय घोड़ाडोंगरी में सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ गीता जयंती का आयोजन किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रीति वर्धन चतुर्वेदी, प्रोफेसर हेमंत निरापुरे ,ब्लॉक समन्वयक संतोष राजपूत एवं मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के सभी परामर्शदाता तथा सामाजिक कार्यकर्ता इस अवसर पर उपस्थित रहे श्री प्रीति वर्धन जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ।
जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के रणक्षेत्र में
भगवद्-गीता का दिव्य उपदेश दिया था कि तुम अपना कम करो फल की चिंता मत करो वह मुझ पर छोड़ो यानी ईश्वर पर छोड़ो तथा उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष में जिस तरह से क्षेत्र में धर्मांतरण जातिवाद एवं विघटित होने की जो मानसिकता आज समाज में है उसमें संगठित रहने की बात पर जोर देते हुए संगठन की शक्ति के बारे में बताते हुए संगठन की शक्ति का महत्व बताया एवं सभी को साथ रहकर कार्य करने की ओर सभी को प्रेरित किया इस अवसर पर प्रोफेसर निरापुरे जी ने भी
गीता जयंती का महत्व
सत्य, धर्म और कर्तव्य का मार्ग दिखाती है।
मनुष्य को भय, दुख और मोह से निकालती है।
जीवन में कर्म, भक्ति, ज्ञान और समता का संदेश देती है। हर व्यक्ति को अपना जीवन उद्देश्य समझाती है।
ब्लॉक समन्वयक संतोष राजपूत ने बतायाब्लॉक समन्वयक संतोष राजपूत ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने पूरे प्रदेश में गीता जयंती आयोजित करके सभी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक गीता के संदेश को पहुंचाना जो कि विश्व कल्याण की भावना से प्रेरित होकर विश्व का नेतृत्व करने के लिए हमारे देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कर्म प्रधानता अपना कर्म ठीक से व्यक्ति करें उसे पर जोर देते हुए यह संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद दिया और सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि अपने-अपने प्रयोगशाला ग्राम में गीता जयंती का आयोजन करें एवं
गीता का संदेश
कर्म करते रहो फल की चिंता मत करो।
आत्मा न जन्म लेती है न मरती है।क्रोध, लोभ, मोह विनाश का कारण हैं।
भक्ति, ज्ञान और कर्म – तीनों मार्ग मोक्ष की ओर ले जाते हैं।जो भी करो, ईश्वर को समर्पित मन से करो।
स्वयं को पहचानो।
कर्तव्य को सर्वोपरि मानो।
परिस्थितियों में डगमगाए बिना स्थिर बुद्धि रखो।
धर्म के रास्ते पर चलो।
मन को साफ, वाणी को मधुर और कर्म को पवित्र रखो। इस अवसर पर भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी बिंदिया, नोविनो, शिवानी शुभम राहुल सवाल मोनिका मंडल एवं मनीष को अतिथियों महोदय द्वारा सम्मानित भी किया गया. कार्यक्रम का संचालन जतिन प्रजापति ने किया एवं
अंत में आभार व्यक्त परामर्शदाता यशोमति भोरवंशी जी
गीता जयंती वह दिवस है जो याद दिलाता है कि –
जीवन के हर संकट में गीता हमारा मार्गदर्शन करती है।
यह केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।