*कंडीपार रोड में 20 वर्षीय युवती से गैंगरेप — कैफ़े-ढाबों के असुरक्षित संचालन पर उठे गंभीर सवाल*
लोकेशन — कांडीपार/सिवनी
संवाददाता – मोहित यादव,
जिला ब्यूरो चीफ़ सिवनी
*9584667143*
*चाय पिलाने के बहाने बुलाकर किया दुष्कर्म — कंडीपार के कैफ़े-ढाबा संस्कृति पर पुलिस-प्रशासन की नजर*
*सिवनी*: सिवनी जिले के डूंडासिवनी थाना क्षेत्र स्थित कंडीपार रोड पर रविवार देर रात एक 20 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। घटना ‘अशोक सुंदरी कैफ़े’ के भीतर हुई, जहाँ चार युवकों ने युवती को चाय पीने के बहाने अंदर बुलाकर दुष्कर्म किया और बाद में धमकाकर बस स्टैंड पर छोड़ा।
पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
*घटना कैसे हुई — पीड़िता को कैफ़े में बुलाकर किया दुष्कर्म*
रविवार देर रात युवती चाय पीने कैफ़े पहुंची थी। इसी दौरान मुख्य आरोपी गोपाल बरमैया ने उसे अंदर बुलाया। अंदर पहुंचते ही आरोपियों ने दरवाज़ा बंद कर दिया और युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया।
वारदात के बाद आरोपियों ने युवती को धमकाया कि यदि उसने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद आरोपी उसे बस स्टैंड पर पटककर फरार हो गए।
डरी-सहमी युवती ने हिम्मत जुटाते हुए सीधे डूंडासिवनी थाना पहुंचकर FIR दर्ज कराई।
*चारों आरोपी गिरफ्तार — सभी बंडोल क्षेत्र से*
*गिरफ्तार आरोपियों के नाम—*
*गोपल बरमैया (21), निवासी बघारी*
*शेरा रजक (21), निवासी कुकलाह*
*अतुल रजक (23), निवासी बघारी*
*संदीप जंघेला (28), निवासी बंडोल*
*पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी गोपाल कंडीपार रोड पर छोटा होटल/चाय-नाश्ता दुकान चलाता है, वहीं अन्य खेती, पढ़ाई व डीजे साउंड सिस्टम का काम करते हैं।*
थाना प्रभारी चैनसिंह उइके ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
*लेकिन सवाल यह उठता हैं कि -*
कंडीपार रोड पर कैफ़े–ढाबों के अनियंत्रित संचालन पर उठे सवाल?
घटना के बाद कंडीपार रोड पर चल रहे कई कैफ़े, ढाबों और टी-स्टॉल पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि
अधिकांश कैफ़े बिना लाइसेंस, बिना रजिस्ट्रेशन और बिना निगरानी के चल रहे हैं
कई जगहों पर अंदर कमरे बने हुए हैं, जहाँ संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत पहले भी मिली है।
*शाम के बाद यह इलाका युवाओं का अनियंत्रित अड्डा बन जाता है*
*नशा, शोर-शराबा और एंटी-सोशल गतिविधियाँ यहाँ आम बात हैं*
लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि ऐसे सभी कैफ़े और ढाबों की तुरंत जांच, मालिकों के दस्तावेजों की पड़ताल और गैरकानूनी निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जाए?
*पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल*
*इस वारदात के बाद यह मुद्दा भी गरम है कि—*
आखिर इतने कैफ़े–ढाबे बिना अनुमति कैसे संचालित??