News By-नितिन केसरवानी
प्रयागराज मे पत्नी की हत्या कर पुलिस के सामने लाश से लिपट कर रोने का नाटक करता रहा पति
प्रयागराज के यमुनापार मे बारा थाना अंतर्गत क्षेत्र मे किराये के मकान मे रह रहे पति ने पत्नी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। फिर पुलिस को गुमराह करने के लिए पत्नी के शव के बगल मे लिखा- मैं पागल थी, मेरा पति निर्दोष है। वारदात के बाद वह पीछे के गेट से ऑफिस चला गया। वहां से उसने मकान मालिक को फोन किया और कहा की पत्नी मेरा फ़ोन नहीं उठा रही है ज़रा आप बात करा दीजिए।
मकान मालिक अपने किराये पर दिए मकान मे गया और काफी देर तक आवाज़ देते हुए कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। यह बात उसने पति को बताई। इसके बाद पति घर पहुंचा और थोड़ी देर बाद धक्का देकर कुंडी तोड़ दी। अंदर उसकी पत्नी का खून से लथपथ शव ज़मीन पर पड़ा था। उसने फोन कर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस वालों को देखकर पति लाश से लिपटकर रोने लगा।
यह नज़ारा देखकर पुलिसवालों ने भी पहले उस पर यकीन कर लिया,लेकिन शव पर गहरे जख्म थे। शक के आधार पर पुलिस ने पति रोहित द्विवेदी की लोकेशन जांची तो कहानी उलट गई। पता चला कि वह घटना के समय रोहित घर के आसपास ही था। उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गयी तो वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया की पत्नी को बच्चा नहीं हो रहा था। फिर मेरा एक महिला के साथ प्रेम संबंध चलने लगा। पत्नी इसका विरोध करती थी,इसलिए हत्या कर दी। हत्या को सुसाइड दिखाने के लिए उसने खून से ही ज़मीन पर सुसाइड नोट लिखा था। सुषमा द्विवेदी की हत्या शुक्रवार को हुई थी। शनिवार को पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए पति को जेल भेज दिया।
रोहित द्विवेदी मूलरूप से लालापुर थाना क्षेत्र के कचरा गांव का रहने वाला है। वह अपनी पत्नी सुषमा के साथ लोहगरा बाजार में संतोष गुप्ता के मकान में किराए पर रहता था। रोहित एनटीपीसी बारा पावर प्लांट में सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में था।
सुषमा की शादी 5 साल पहले, यानी 2020 में हुई थी। संतान न होने पर दंपती के बीच लड़ाई झगड़ा होता रहता था और अब झगड़ा बढ़ता चला जा रहा था। इसी दौरान रोहित का अपनी ही रिश्तेदार महिला से अफेयर हो गया। पत्नी इसका विरोध करती थी। पति ने पुलिस को बताया- शुक्रवार सुबह फिर से मेरी पत्नी से बहस शुरू हो गई।
गुस्से में मैंने उसके बाल पकड़ लिए और चाकू सीधे उसके गले में घोंप दिया। वार इतना तेज था कि चाकू गले में ही फंस गया। मैं डर गया। मुझे लगा कि अगर मैं कुछ लिख दूँ तो लोग समझेंगे कि उसने आत्महत्या की है। इसलिए मैंने ज़मीन पर उसके ही खून से ‘मैं पागल थी, मेरा पति निर्दोष है’ लिख दिया।
इसके बाद मैं पीछे के रास्ते से भाग निकला। मैं तुरंत ड्यूटी पर चला गया,ताकि लगे कि मैं घर पर नहीं था। वहाँ से लगातार फोन करता रहा,ताकि खुद को निर्दोष दिखा सकूँ। कई बार पत्नी को कॉल की,फिर मकान मालिक को भी फोन कर कहा कि मेरी पत्नी से बात करवा दीजिये।
मकान मालिक ने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। उन्होंने मुझसे बताया कि आपकी पत्नी दरवाजा नहीं खोल रही है। थोड़ी देर बाद मैं पहुंचा और धक्का देकर कुंडी तोड़ दी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को बुलाया। पुलिस पहुंची तो सुषमा की लाश ज़मीन पर पड़ी हुई थी। गले में चाकू घुसा था।
इसी बीच आरोपी पति भी पहुंच गया। वह लाश देखकर चीख पड़ा और रोने का नाटक करने लगा। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने ज़मीन पर खून से लिखे सुसाइड नोट की फोटो और वीडियोग्राफी भी की। शुरुआती जांच में ही स्पष्ट हो गया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है।
इसके बाद पुलिस ने पति को हिरासत में लेकर उसकी लिखावट की जांच कराई। गले पर एक ही वार था, जो खुद करना लगभग असंभव था। लोकेशन जांच में भी पता चला कि पति रोहित घटना के समय घर के आसपास ही था। सख्ती से पूछताछ में आरोपी टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।