News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कौशाम्बी के इतिहास में शनिवार का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। अवसर था व्हाइट कोट सेरेमनी का, जहाँ कौशाम्बी के भावी डॉक्टरों ने न सिर्फ़ सफेद कोट पहना, बल्कि मानवता, सेवा और संवेदना का संकल्प भी ओढ़ लिया। परिसर में ऊर्जा, उत्साह और संस्कारों का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसकी मिसाल कहीं और नहीं।कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के सम्मानित प्रधानाचार्य प्रो.(डा.) हरिओम कुमार सिंह, वित्त नियंत्रक रवीन्द्र प्रताप सिंह तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनील कुमार शुक्ल ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.(डा.) एस.एन. सिंह प्रबंधक तथा डा. विनोद गोढ़, प्रधानाचार्य आयुर्वेदिक कॉलेज (चन्द्रशेखर ग्रुप संस्थान) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की।प्रधानाचार्य ने समारोह को संबोधित करते हुए व्हाइट कोट के महत्व को अत्यंत भावपूर्ण शब्दों में समझाया।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर का कोट मात्र परिधान नहीं, यह करुणा, कर्तव्य और मानवता की शपथ है। इसे पहनते ही आपका हर कदम सेवा की ओर बढ़ जाता है। उनकी प्रेरक बातों ने छात्रों के मन में चिकित्सा सेवा की नई लौ जगा दी। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और गरिमामय व्हाइट कोट वियरिंग सेरेमनी ने समारोह को अविस्मरणीय बना दिया। जैसे ही छात्रों ने सफेद कोट धारण किया, पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद संकाय सदस्यों की उपस्थिति में भावीचिकित्सकों को चरक शपथ दिलाई गई, जिस क्षण ने समारोह को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचा दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रतिष्ठित चिकित्सक—डा. सरस्वती जायसवाल यादव, डा. राकेश कुमार शुक्ला, डा. अरिन्दम चक्रवर्ती, डा. रविरंजन सिंह, डा. विकास कुमार, डा. हेमलता द्विवेदी, डा. शारदा सिंह, डा. नन्दिनी राघव, डा. प्रतिमा त्रिपाठी, डा. अंकित तिवारी, डा. सौरभ कृष्ण मिश्रा, डा. सन्दीप कुमार, डा. आत्मिक सिंह, डा. शिवम बिश्नोई, डा. अरुण कुमार पाण्डेय, डा. संजय कुमार सोनकर सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य, स्टाफ तथा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।