सुप्रीम कोर्ट में गूंजा कौशाम्बी का नाम, पराविधिक स्वयंसेविका ममता दिवाकर ने किया जनपद का गौरव बढ़ाया
News By- हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जनपद के लिए गर्व का क्षण तब आया जब जिले की पराविधिक स्वयंसेविका ममता दिवाकर ने राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ लीगल सर्विसेज में जनपद का प्रतिनिधित्व किया। यह सम्मेलन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तत्वावधान में 8 और 9 नवम्बर 2025 को सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित हुआ, जिसमें देशभर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था।
*कौशाम्बी से एकमात्र चयन, ममता दिवाकर ने बढ़ाया जिले का मान*
ममता दिवाकर का चयन उनके उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों, महिला सशक्तिकरण में योगदान और साक्षात्कार में शानदार प्रदर्शन के आधार पर किया गया।उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि यह उपलब्धि केवल उनकी नहीं बल्कि पूरे जनपद कौशाम्बी की सामूहिक मेहनत और जागरूकता का परिणाम है।
*प्रधानमंत्री मोदी ने किया विधिक सेवा संस्थाओं की सराहना*
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रूप से जुड़कर देशभर के प्रतिभागियों को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि न्याय तभी सशक्त है जब वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरलता और समानता के साथ पहुंचे।प्रधानमंत्री ने विधिक सेवा संस्थाओं की भूमिका की सराहना करते हुए सभी से गांव-गांव तक विधिक जागरूकता पहुँचाने का आह्वान किया।
*महिला अधिकार, बाल संरक्षण और जन-जागरूकता पर कौशाम्बी की गूंज*
ममता दिवाकर ने कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा, बाल अधिकारों और महिलाओं की कानूनी सहायता जैसे मुद्दों पर अपनी सक्रिय भागीदारी की जानकारी साझा की।उन्होंने बताया कि वे नुक्कड़ नाटकों, विधिक जागरूकता शिविरों और ग्राम पंचायतों में संवाद के माध्यम से वर्षों से समाज में परिवर्तन की अलख जगा रही हैं।
*सफलता का श्रेय समर्पित टीम को दिया*
ममता ने इस सम्मान का श्रेय अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी, पूर्णिमा प्रांजल, कार्यालय स्टाफ एवं अपने सहयोगी पराविधिक स्वयंसेवकों को दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मेरे नहीं, पूरे कौशाम्बी जिले के प्रत्येक उस व्यक्ति का है जो न्याय और समानता के लिए जागरूकता फैलाने में लगा है।
*जनपद के लिए गौरव की बात*
कौशाम्बी से पहली बार किसी पराविधिक स्वयंसेविका का चयन सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय मंच पर हुआ है। यह उपलब्धि जिले के विधिक सेवा तंत्र की सक्रियता और समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाने की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है।