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अनूपपुर पुलिस विभाग में आदेशों की अनदेखी! राजेश सिंह महीनों बाद भी उसी कुर्सी पर कायम आखिर क्यों मौन हैं अधिकारी?

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ज्ञानेंद्र पांडेय 7974034465
अनूपपुर।
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा जारी आदेश के तहत प्रदेशभर में पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया था जो एक ही स्थान पर चार वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ थे। यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यसंस्कृति में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया था।

लेकिन अनूपपुर जिले में इस नीति की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ उप निरीक्षक राजेश सिंह जिनकी पदस्थापना अवधि चार वर्ष से अधिक हो चुकी है के स्थानांतरण का आदेश जारी हुए काफी दिन बीत चुके हैं बावजूद इसके, राजेश सिंह अब भी अपनी पुरानी कुर्सी पर ही जमे हुए हैं।

आदेश धरे के धरे कार्रवाई शून्य

सूत्रों के अनुसार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के आदेश में राजेश सिंह को उनकी वर्तमान शाखा स्थापना/अवकाश/प्रशिक्षण शाखा से हटाकर फण्ड, टी.ए. संबंधी कार्य एवं वेतन निर्धारण शाखा में स्थानांतरित किया गया था।
आदेश स्पष्ट था कि यह पदस्थापना अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगी। फिर भी इस आदेश का पालन आज तक नहीं हो सका। कार्यालय के भीतर और बाहर दोनों जगह यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार राजेश सिंह के मामले में यह प्रशासनिक अपवाद क्यों और किसके संरक्षण में है?

एक आदेश दो मापदंड का आरोप

पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों का कहना है कि जब सामान्य कर्मचारी स्थानांतरण आदेश मिलते ही कार्यभार बदल देते हैं तो राजेश सिंह के लिए अलग नियम क्यों लागू हैं?

सूत्र बताते हैं कि राजेश सिंह कार्यालय के भीतर अत्यधिक प्रभावशाली माने जाते हैं। अवकाश स्वीकृति से लेकर फाइल मूवमेंट तक कई प्रक्रियाओं में उनका बोलबाला कायम है कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी राजेश सिंह के विपरीत जाता है तो उसकी फाइलें टेबल के नीचे महीनों तक अटक जाती हैं।

चारदीवारी के भीतर की चुप्पी

कार्यालय के भीतर प्रशासनिक पारदर्शिता की बातें तो बहुत होती हैं मगर इस मामले में अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
न तो आदेश का पालन हुआ न ही किसी उच्च अधिकारी ने इसकी समीक्षा की। इससे यह धारणा बनती जा रही है कि कुछ व्यक्तियों के लिए आदेश सिर्फ़ कागज़ों तक सीमित रह गए हैं।

जनता और कर्मियों की आवाज़ एक कुर्सी एक कार्यकाल

अनूपपुर के स्थानीय नागरिकों और विभाग के ईमानदार कर्मियों का कहना है कि यदि पूरे प्रदेश में स्थानांतरण नीति का समान रूप से पालन हो रहा है, तो अनूपपुर जिला इससे अपवाद क्यों हो?
जनता की मांग है कि पुलिस मुख्यालय इस मामले का संज्ञान लेकर आदेशों का पालन सुनिश्चित करे ताकि विभाग में निष्पक्षता पारदर्शिता और अनुशासन की भावना बनी रहे।
एक कुर्सी एक व्यक्ति एक कार्यकाल यही नीति पुलिस व्यवस्था में ईमानदारी और जनता के भरोसे को मजबूत कर सकती है। यदि एक कर्मचारी को विशेषाधिकार दिए जाएंगे तो यह पूरी प्रशासनिक प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाएगा।

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