अजब-गजब फरमान: किसान को ज्यादा बिजली दी तो अफसरों का कटेगा वेतन!
बिजलीकर्मी और अफसरों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर!
अजब-गजब फरमान: किसान को ज्यादा बिजली दी तो अफसरों का कटेगा वेतन!
बिजलीकर्मी और अफसरों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर!
भोपाल::कृषि फीडरों पर किसानों को अगर एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी गई — तो अब बिजलीकर्मी और अफसरों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर! मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने एक अनोखा आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक “10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति” होने पर संबंधित कर्मचारियों से लेकर जीएम (महाप्रबंधक) तक का वेतन काटा जाएगा।
भोपाल स्थित कंपनी मुख्यालय से मुख्य महाप्रबंधक (संचालन एवं संधारण) ए.के. जैन द्वारा 3 नवंबर 2015 को जारी इस पुनरीक्षित परिपत्र में साफ कहा गया है कि राज्य शासन के निर्देशों के तहत यह आर्थिक दंड प्रणाली जारी रहेगी।
क्या है आदेश:

1 दिन में किसी कृषि फीडर पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति पाए जाने पर — संबंधित ऑपरेटर का 1 दिन का वेतन कटेगा।
2 दिन लगातार ऐसा मिलने पर — कनिष्ठ अभियंता (JE) का 1 दिन का वेतन।
5 दिन लगातार 10 घंटे से अधिक आपूर्ति होने पर — उपमहाप्रबंधक (DGM) का 1 दिन का वेतन।
7 दिन लगातार ऐसा पाए जाने पर — महाप्रबंधक (GM) का 1 दिन का वेतन।
तकनीकी वजहें भी बताईं
परिपत्र में कहा गया है कि 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर लगे मीटर की टाइम इंटीग्रेशन अवधि 15 मिनट है। यानी अगर बिजली 10 घंटे से 1 मिनट भी ज्यादा चली, तो वह अगले 15 मिनट के ब्लॉक में गिनी जाएगी। इसीलिए, तकनीकी कारणों से अधिकतम 10 घंटे की ही आपूर्ति की अनुमति होगी।
कार्रवाई की जिम्मेदारी
उल्लंघन के मामलों में जांच और सत्यापन के बाद ही अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। आदेश के अनुसार यह जिम्मेदारी मुख्य महाप्रबंधक (भोपाल/ग्वालियर क्षेत्र) और महाप्रबंधक (संचालन-संधारण) की रहेगी।
किसानों में हैरानी, कर्मचारियों में नाराज़गी
कृषि फीडरों पर तय समय से अधिक बिजली देना जहां किसानों के लिए राहत होता,वहीं अब यह कर्मचारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। कर्मचारी संगठनों ने इस आदेश को व्यवहारिक रूप से कठिन और अव्यवहारिक बताया है। वहीं किसान संगठनों का कहना है कि “बिजली कम मिलने पर तो किसान परेशान हैं,अब ज्यादा मिलने पर अधिकारी परेशान होंगे!