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मुल्ताई में सांप्रदायिक हिंसा पर APCR की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी 

देखिए पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

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मुल्ताई में सांप्रदायिक हिंसा पर APCR की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी

 

 

देखिए पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

 

 

भोपाल::बेतूल जिले के मुल्ताई क्षेत्र में 9 अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना पर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट का विवरण आज भोपाल स्थित संगठन के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान APCR मध्यप्रदेश के राज्य सचिव सैयद जावेद अख्तर ने मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया।

 

अख्तर ने बताया कि संगठन की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों से बातचीत की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 अक्टूबर की शाम दो पक्षों के बीच बाइक टकराने की मामूली घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया, जिसके बाद हिंसा फैल गई। हिंसा के दौरान मारपीट, दुकानों और ठेलों को तोड़ने, धार्मिक स्थलों पर हमले और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसी घटनाएं हुईं।

 

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि घटना के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष की एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई, जिससे समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। टीम के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के कई छोटे व्यापारियों और ठेलेवालों की दुकानों को लूटा गया, जिनका अनुमानित नुकसान ₹15,000 से ₹40,000 तक हुआ है।

 

APCR की रिपोर्ट में प्रशासन और पुलिस से चार प्रमुख माँगें की गई हैं—

 

1. घटना से संबंधित सभी CCTV फुटेज और वीडियो साक्ष्य तुरंत सील कर सुरक्षित रखे जाएं।

 

 

2. पीड़ितों की शिकायतें दर्ज कर दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की जाए।

 

 

3. प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।

 

 

4. मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए।

 

सैयद जावेद अख्तर ने कहा, “APCR का उद्देश्य किसी पक्ष का समर्थन करना नहीं, बल्कि सत्य को सामने लाना और नागरिकों को न्याय दिलाना है। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर कई सवाल खड़े होते हैं, जिनका जवाब निष्पक्ष जांच से ही मिल सकता है।

 

उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट राज्य सरकार, मानवाधिकार आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएगी ताकि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

देखिए जारी पत्र

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