अर्धनग्न होकर किसानों ने निकाली पैदल रैली, केला फसल बीमा लागू करने और एमएसपी पर खरीदी की मांग
23 अक्टूबर से बुरहानपुर में होगा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन, किसानों ने कहा – जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे
बुरहानपुर खकनार संवाददाता – सुजित चौकसे
अर्धनग्न होकर किसानों ने निकाली पैदल रैली, केला फसल बीमा लागू करने और एमएसपी पर खरीदी की मांग
23 अक्टूबर से बुरहानपुर में होगा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन, किसानों ने कहा – जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे
बुरहानपुर/खकनार । बुरहानपुर जिले के केला उत्पादक किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। जिले के खकनार ब्लॉक सहित कई ग्रामों से पहुंचे हजारों किसानों ने मंगलवार को अर्धनग्न होकर निमंदड़ फाटे से तहसील कार्यालय तक पैदल रैली निकाली। किसानों ने शासन-प्रशासन से नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों की प्रमुख मांग है कि जिले में केला फसल पर मौसम आधारित बीमा योजना तुरंत लागू की जाए और केला व मक्का की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाए।
किसानों ने बताया कि पिछले सात वर्षों से उन्हें केला फसल बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। वर्ष 2018 में योजना बंद होने के बाद से प्राकृतिक आपदाओं, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फसल को भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन किसानों को मुआवजा या बीमा राशि नहीं मिल रही। किसान नेता किशोर वासनकर ने बताया कि “पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला उत्पादक किसानों को मौसम आधारित बीमा का लाभ दिया जा रहा है। हाल ही में आई आपदा के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने करोड़ों रुपए की बीमा राशि किसानों को दी, लेकिन मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के किसानों को अब तक इस योजना से वंचित रखा गया है।”
उन्होंने कहा कि जिले के किसान लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उत्पादन लागत बढ़ने और उचित दाम न मिलने से किसानों की हालत बदतर है। दीपावली जैसे त्यौहार पर भी वे अपने बच्चों को नए कपड़े और फटाखे खरीदने की स्थिति में नहीं हैं। किशोर वासनकर ने कहा, “हमने प्रण लिया है कि जब तक सरकार केला फसल बीमा लागू नहीं करती और फसलों को एमएसपी पर नहीं खरीदती, तब तक हम शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे।”
किसानों ने बताया कि एक महीने पहले उन्होंने जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री को ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया था, लेकिन अब तक किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। किसानों की उपेक्षा से आक्रोशित होकर मंगलवार को हजारों किसान अर्धनग्न होकर रैली में शामिल हुए और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
किसानों ने ज्ञापन में मांग की है कि जिले में केले, मक्का और अन्य प्रमुख फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाए। साथ ही केला फसल बीमा योजना को पुनः लागू किया जाए ताकि प्राकृतिक आपदा या खराब मौसम में किसानों को सुरक्षा मिल सके।
किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि शासन ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानीं, तो 23 अक्टूबर 2025 से सभी किसान खकनार तहसील मुख्यालय पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व किसान नेता किशोर वासनकर करेंगे।
किसानों ने कहा कि वे शासन से टकराव नहीं, बल्कि समाधान चाहते हैं। सरकार अगर समय रहते उनकी मांगों पर विचार करे तो किसान वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी और जिले की प्रमुख आर्थिक धुरी — केला उत्पादन — को फिर से संबल मिल सकेगा।