संत फ्रांसिस स्कूल के दो शिक्षक समेत चार युवकों ने किया दमुआ पुलिस को गुमराह
नशे में धूत चारों की तेज रफ्तार कार के चपेट में आई एक गाय की मौत
संत फ्रांसिस स्कूल के दो शिक्षक समेत चार युवकों ने किया दमुआ पुलिस को गुमराह
नशे में धूत चारों की तेज रफ्तार कार के चपेट में आई एक गाय की मौत
इधर सामने से आ रहे दम्पत्ति में महिला का हाथ टूटा, कार हुई क्षतिग्रस्त
जीत आम्रवंशी, 9691851267
बैतूल/छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के सारणी से जुड़ा एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटनाक्रम सामने आया है, जिसने समाज के तथाकथित प्रतिष्ठित वर्ग के लोगों की गैर जिम्मेदाराना हरकत और पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 03 अक्टूबर 2025 की देर रात छिंदवाड़ा हाईवे पर शराब के नशे में धुत कुछ युवकों ने, जिनमें सेंट फ्रांसिस स्कूल के दो शिक्षक भी शामिल बताए जा रहे हैं, न केवल एक बेकसूर गोवंश की जान ले ली, बल्कि सामने से आ रहे एक परिवार को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस भीषण दुर्घटना में इंदौर की सहायक जिला अभियोजन अधिकारी (ADPO) संध्या उइके का दाहिना हाथ टूट गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जमानती धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें खुलेआम छोड़ दिया है, जिससे न्याय पर सवालिया निशान लग गया है।
बेलगाम रफ्तार और शराब का कहर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 03 अक्टूबर 2025 की रात्रि करीबन 11:30 बजे दमुआ चौक, छिंदवाड़ा जिले में घटित हुई। सारणी के मुकेश पिता परमानंद सिंदूर (36 वर्ष, वार्ड नं 01 सारणी, जिला बैतूल) अपनी सफेद रंग की ईको स्पोर्ट फोर्ड कार (क्रमांक एमपी 48सी7313) में अपने तीन साथियों – अमरदीप सिंह, दिलीप पटने और मुन्ना कोसे – के साथ छिंदवाड़ा हाईवे पर बेलगाम रफ्तार से दौड़ रहे थे। बताया जा रहा है कि ये सभी युवक शराब के नशे में धुत थे और कार में तेज आवाज में गाने बज रहे थे।
इसी दौरान, सड़क पर अचानक आए एक गोवंश को इनकी तेज रफ्तार कार ने इतनी बुरी तरह टक्कर मारी कि मौके पर ही उसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। गोवंश को रौंदने के बाद भी कार नहीं रुकी और अनियंत्रित होकर सीधे सामने से आ रही कार (क्रमांक एमपी 09डब्ल्यूएच 4675) से जा भिड़ी, जिसमें इंदौर निवासी संध्या उइके (43 वर्ष, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी), उनके पति नीरज धुर्वे, बेटी रुही और छोटा बेटा सवार थे। यह परिवार अपनी दादी के देहांत के कारण चांदामेटा, छिंदवाड़ा से लौट रहा था।
टक्कर इतनी भीषण थी कि संध्या उइके का दाहिना हाथ टूट गया, जबकि उनके पति नीरज को भी मामूली चोटें आईं। उनकी कार का दाहिना बम्फर, टायर और बोनट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। एक तरफ परिवार जहां अपने प्रियजन को खोने के गम से जूझ रहा था, वहीं इस अमानवीय घटना ने उन पर दुखों का एक और पहाड़ तोड़ दिया।
‘प्रतिष्ठित’ शिक्षकों की संदिग्ध भूमिका और छात्रों में रोष
इस मामले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि आरोपी मुकेश सिंदूर के साथ कार में सवार अमरदीप सिंह दोनो कथित तौर पर सारणी के सेंट फ्रांसिस स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। स्थानीय चौराहों पर जिन शिक्षकों की छात्रों द्वारा तारीफें की जाती हैं, उन्हीं का इस प्रकार से शराब के नशे में बेलगाम होकर गोवंश की हत्या करना और एक निर्दोष परिवार को गंभीर रूप से घायल करना, उनके प्रतिष्ठित पद की गरिमा को तार-तार करता है। ऐसे में छात्रों के बीच भी इस घटना को लेकर गहरा रोष और असमंजस की स्थिति है।
पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल:
दमुआ थाना के एस.आई खेलन सिंह ने बताया कि आरोपी मुकेश सिंदूर के खिलाफ धारा 281 (तेज गति से वाहन चलाना) और 125 ए (दुर्घटना से संबंधित) के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी जमानती धाराएं हैं, जिसके चलते आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसआई खेलन सिंह का यह कहना कि उन्हें गोवंश की मृत्यु की जानकारी नहीं है और वे मौके पर लेट पहुंचे थे, पुलिस की कार्यप्रणाली और संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। घटनास्थल पर गोवंश की मृत्यु हुई थी, जिसे नजरअंदाज करना पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है, जबकि शराब के नशे में वाहन चलाने और जानलेवा टक्कर मारने जैसी गंभीर धाराओं के बजाय जमानती धाराओं में मामला दर्ज करना पीड़ितों के साथ अन्याय प्रतीत होता है।
यह घटना न केवल सड़क सुरक्षा के नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला है, बल्कि उन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की नैतिक जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है, जिनसे समाज बेहतर आचरण की उम्मीद करता है।
इनका कहना है :—
मेरे संज्ञान में है कि, सारणी के युवक मुकेश सिंदूर द्वारा इंदौर की दंपति के वाहन को दुर्घटनाग्रस्त किया गया था जिस पर मामला भी पंजीकृत किया गया है। मुझे एक ही आरोपी की जानकारी है और तीन लोगों का संज्ञान में नहीं है। इस दुर्घटना में गोवंश की भी मृत्यु हुई है इसका भी संज्ञान नहीं है मैं जानकारी लेता हूं।
सुनील कुमार बरकड़े, एसडीओपी जुन्नारदेव