शासकीय शराब दुकानों में अवैध बिक्री का आरोप पूर्व विधायक पांचीलाल मेड़ा ने उठाया गंभीर मुद्दा
देखिए video जनता की निगाहें अब प्रशासन पर टिकी हैं।
लोकेसन-धार
शासकीय शराब दुकानों में अवैध बिक्री का आरोप पूर्व विधायक पांचीलाल मेड़ा ने उठाया गंभीर मुद्दा
देखिए video जनता की निगाहें अब प्रशासन पर टिकी हैं।
धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में शराब दुकानों की अनियमितताओं को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक पांचीलाल मेड़ा ने आबकारी विभाग को लिखे पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शासकीय शराब दुकानों में शासन के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करने की बात कही गई है।
मेड़ा ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि धामनोद, गुजरी और दूधी की शासकीय शराब दुकानों पर ग्राहकों को शराब की खरीद पर बिल नहीं दिया जा रहा। इससे न केवल शराब का सही मूल्य निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है, बल्कि ग्राहकों और दुकानदारों के बीच विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। यह एक गंभीर प्रशासनिक चूक है, जो उपभोक्ता अधिकारों का हनन करती है।
पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि इन दुकानों से शराब की पेटियों की अवैध बिक्री की जा रही है। यह न केवल शासन के नियमों के खिलाफ है, बल्कि इससे अवैध तस्करी और कालाबाजारी को भी बढ़ावा मिल सकता है। यदि इन आरोपों की जांच नहीं की गई, तो यह पूरे जिले में कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सकता है।
मेड़ा ने अपने विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी एक धार्मिक स्थल है, जहाँ नर्मदा नदी के घाट, मंदिर, और अन्य पवित्र स्थान स्थित हैं। इन स्थलों के आसपास ढाबों, रेस्टोरेंट्स और किराना दुकानों से अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। यह गतिविधियाँ स्कूलों और मंदिरों के 10 मीटर के दायरे में हो रही हैं, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
यह न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाता है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और सामाजिक वातावरण को भी दूषित करता है। ऐसे स्थानों पर शराब की उपलब्धता से युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और सामाजिक अपराधों में वृद्धि हो सकती है।
पूर्व विधायक ने आबकारी अधिकारी, जिला धार से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि जो भी ठेकेदार शासन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पूर्व विधायक के इस पत्र के बाद अब जिले में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है —
क्या आबकारी विभाग इस गंभीर शिकायत पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करेगा?
या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?
जनता की निगाहें अब प्रशासन पर टिकी हैं। यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं होती, तो यह न केवल शासन की साख को प्रभावित करेगा, बल्कि आम नागरिकों का विश्वास भी डगमगा सकता है।
यह मामला सिर्फ शराब दुकानों की अनियमितता का नहीं, बल्कि कानून, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी का है। अब देखना यह है कि शासन इस चुनौती को कैसे स्वीकार करता है।
बाइट – पूर्व कांग्रेस विधायक पांचीलाल मैड़ा