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अमलाई ओपन कास्ट माइंस में ‘बूम बैरियर’ बना भ्रष्टाचार का केंद्र, पंडित जी पर गंभीर आरोप “हिस्सा ऊपर तक जाता है” बयान ने मचाया बवाल

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अमलाई ओपन कास्ट माइंस में ‘बूम बैरियर’ बना भ्रष्टाचार का केंद्र, पंडित जी पर गंभीर आरोप “हिस्सा ऊपर तक जाता है” बयान ने मचाया बवाल

 

ज्ञानेंद्र पांडेय/शहडोल::कोल इंडिया लिमिटेड के अंतर्गत संचालित सोहागपुर क्षेत्र की अमलाई ओपन कास्ट माइंस इन दिनों कोयला उत्पादन नहीं, बल्कि खुलेआम चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। सुरक्षा और निगरानी के नाम पर लगाए गए ‘बूम बैरियर’ अब कथित तौर पर अवैध वसूली का अड्डा बन चुके हैं, जहाँ हर गुजरने वाले वाहन से ₹50 से लेकर ₹1000 तक की जबरन वसूली की जा रही है।

 

‘पंडित जी’ पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

 

सूत्रों के अनुसार, इस वसूली रैकेट का संचालन एक कर्मचारी जिन्हें स्थानीय रूप से ‘पंडित जी’ के नाम से जाना जाता है कर रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में पंडित जी को खुलेआम नकदी लेते हुए कैमरे में कैद किया गया है। जब उनसे वसूली का कारण पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा:

 

सिस्टम ऊपर तक फॉलो होता है, हिस्सा सब तक जाता है। अगर इस पोस्ट पर टिके रहना है तो वसूली करनी पड़ेगी।”

इस बयान ने कोल इंडिया के पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

ड्राइवरों का शोषण – ‘हिस्सा दो, वरना लाइन से बाहर हो जाओ’

 

ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों का कहना है कि यदि वे ‘हिस्सा’ नहीं देते तो उन्हें घंटों धूप और धूल में खड़ा रखा जाता है, गाड़ियों को बेवजह रोका जाता है और मानसिक प्रताड़ना दी जाती है।

 

यहाँ ‘चरण वंदना’ नहीं की तो चढ़ाई भी नहीं कर सकते,” एक ट्रक ड्राइवर ने गुस्से में कहा।

 

 

प्रशासन मौन क्या ऊपर तक है संरक्षण?

 

इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्या यह माना जाए कि वरिष्ठ अधिकारी या तो इस मामले में संलिप्त हैं, या चुप रहकर संरक्षण दे रहे हैं?

 

पंडित जी का यह कहना कि “जहाँ शिकायत करना है, कर दो” — दर्शाता है कि उन्हें किसी कार्यवाही का भय नहीं, और भ्रष्टाचार को कहीं न कहीं आंतरिक समर्थन प्राप्त है।

 

कोल इंडिया की साख पर बड़ा प्रश्नचिन्ह

 

देश की एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया, जो लाखों कर्मचारियों को रोजगार और सुविधाएं देती है, आज अपने ही कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से शर्मसार हो रही है। यदि इस मामले में तत्काल जांच और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती है, तो यह स्पष्ट संकेत होगा कि भ्रष्टाचार को यहाँ मौन स्वीकृति प्राप्त है।

 

 

 

क्या अगली कड़ी में होगा बड़ा खुलासा?

 

सूत्रों की मानें तो वसूली के कई वीडियो सबूत मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही सार्वजनिक और प्रशासनिक स्तर पर पेश किया जाएगा।

 

यह देखना अब बेहद अहम होगा कि क्या कोल इंडिया प्रबंधन इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करता है, या यह मामला भी कागजों में दफन होकर रह जाएगा।

अमलाई ओपन कास्ट माइंस का यह मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन, बल्कि पूरे कोयला मंत्रालय के लिए चिंतन का विषय है। एक व्यक्ति के बयान से यदि पूरी प्रणाली कटघरे में खड़ी हो रही है, तो जवाबदेही तय करना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

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