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खबर का असर : फर्जी और ब्लैकमेलिंग शिकायतकर्ताओं की होगी पहचान, अब सीधे होगी कार्रवाई

सीएम हेल्पलाइन में झूठी शिकायतकर्ताओं पर होगी सख्त कार्रवाई, सभी जिलों के कलेक्टरों से मांगी गई रिपोर्ट

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खबर का असर : फर्जी और ब्लैकमेलिंग शिकायतकर्ताओं की होगी पहचान, अब सीधे होगी कार्रवाई

 

सीएम हेल्पलाइन में झूठी शिकायतकर्ताओं पर होगी सख्त कार्रवाई, सभी जिलों के कलेक्टरों से मांगी गई रिपोर्ट

 

जो लोग बार-बार झूठी शिकायतें दर्ज कर सरकारी कर्मचारियों से जबरन वसूली करते हैं, अब उनकी पूरी कुंडली बनाई जाएगी

 

बड़ी खबर : राज्य शासन ने जारी किया आदेश, मध्यप्रदेश के सभी कलेक्टर देंगे जानकारी

 

मनीष कुमार राठौर 8109571743

 

भोपाल । मध्यप्रदेश में अब सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग करने वालों पर गाज गिरने वाली है। शासन ने साफ संकेत दिए हैं कि झूठी, आदतन और ब्लैकमेलिंग की नीयत से की गई शिकायतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों से ऐसे फर्जी शिकायतकर्ताओं की जानकारी मांगी गई है। भोपाल से जारी आदेश में कहा गया है कि कई बार यह देखा गया है कि कुछ लोग सीएम हेल्पलाइन का उपयोग जनहित के बजाय निजी लाभ या दबाव बनाने के हथियार के तौर पर करते हैं। ऐसे लोग बार-बार शिकायत दर्ज कर अफसरों और कर्मचारियों को परेशान करते हैं। यही नहीं, कुछ कथित पत्रकार और व्यक्ति इस प्रक्रिया को अवैध वसूली का जरिया बना चुके हैं। मध्यप्रदेश शासन ने अब सीएम हेल्पलाइन को ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली का अड्डा बनाने वालों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी कर ऐसे शिकायतकर्ताओं की सूची मांगी गई है, जो झूठी और आदतन शिकायतें कर अफसरों पर दबाव बनाते हैं। शासन ने साफ कर दिया है कि सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के समाधान के लिए है, न कि किसी के निजी फायदे और धमकाने का जरिया। कलेक्टरों को आदेश दिया गया है कि वे नाम, मोबाइल नंबर और शिकायतों का पूरा ब्योरा बनाकर शासन को सौंपें।

 

 

‘प्राइम संदेश’ की मुहिम का असर

 

दैनिक प्राइम संदेश ने लगातार यह खुलासा किया था कि कैसे कुछ कथित पत्रकार और लोग झूठी शिकायतों का धंधा बनाकर सरकारी अमले को ब्लैकमेल कर रहे हैं। अखबार की इन खबरों के बाद आखिरकार सरकार हरकत में आई है और अब सख्त कदम उठाने जा रही है। झूठी शिकायत कर वसूली करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।, दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।, बार-बार फर्जी शिकायतें करने वालों को हेल्पलाइन सिस्टम से बाहर किया जाएगा।

 

गौरतलब है कि दैनिक प्राइम संदेश ने बीते 2 महीने से लगातार इस मुद्दे को उठाया था कि कैसे फर्जी शिकायतें कर कुछ लोग अधिकारियों और कर्मचारियों से जबरन वसूली का कारोबार कर रहे हैं। अब प्रदेश शासन ने इस गंभीर मामले पर ध्यान देते हुए सभी जिलों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

 

क्या है आदेश का ब्योरा

सीएम हेल्पलाइन संचालक द्वारा जारी पत्र में सभी जिलों के कलेक्टरों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले में झूठी, आदतन या ब्लैकमेलिंग की नीयत से शिकायत करने वालों की सूची बनाएं। इसमें शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर, कुल शिकायतों की संख्या और उनके बारे में संक्षिप्त विवरण शामिल करना होगा। यह जानकारी शासन स्तर पर आगे की कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।

 

अब होगी सख्ती

 

शासन ने साफ किया है कि सीएम हेल्पलाइन का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समाधान करना है, न कि इसे किसी के निजी फायदे के लिए हथियार बना देना। ऐसे में जो लोग इस मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ अब कठोर कदम उठाए जाएंगे।

 

जनता को मिलेगा फायदा

 

इस कार्रवाई से ईमानदार शिकायतकर्ताओं को राहत मिलेगी और प्रशासन का ध्यान असली समस्याओं पर केंद्रित होगा। वहीं, फर्जी और दबाव बनाने वाली शिकायतों से सरकारी मशीनरी को छुटकारा मिलेगा।

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