बकहो नगर परिषद में करोड़ों का भ्रष्टाचार: जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में हुआ शासकीय राशि का खुला दोहन
बकहो नगर परिषद में करोड़ों का भ्रष्टाचार: जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में हुआ शासकीय राशि का खुला दोहन
ज्ञानेन्द्र पांडेय 7974034465
शहडोल::नगर परिषद बकहो में शासकीय योजनाओं की आड़ में भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। करोड़ों रुपये की लागत से वार्डवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु बनाए गए स्टोरेज टैंकों का निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद, आज तक क्षेत्रवासियों को इसका लाभ नहीं मिल सका है।
कागजों पर पूर्ण, ज़मीनी हकीकत में अधूरा निर्माण
वार्ड नंबर 15 में करोड़ों की लागत से बना स्टोरेज टैंक अब खुद पानी पीने लगा है। स्थानीय पार्षदों और नागरिकों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और नगर परिषद के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। वहीं, वार्ड नंबर 3 में निर्माणाधीन स्टोरेज टैंक आज भी अधर में लटका हुआ है, जहां पानी सप्लाई की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है।
जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को लाभ
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य में एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि की सीधी संलिप्तता बताई जा रही है। आरोप है कि संबंधित जनप्रतिनिधि ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए निर्माण लागत को जानबूझकर बढ़ाया, गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग कराया, और विभागीय कर्मचारियों पर राजनीतिक दबाव डालकर मनमर्जी से भुगतान दिलवाया।
सिर्फ इतना ही नहीं, निर्माण कार्य में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की खरीदी भी निजी हितों को ध्यान में रखते हुए की गई। पूरा कार्य भ्रष्ट तंत्र और राजनीतिक संरक्षण के चलते जनता के पैसों का खिलवाड़ बनकर रह गया।
विभागीय चुप्पी और सत्ता की हनक
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब-जब इन अनियमितताओं को लेकर शिकायत की गई, सत्ता पक्ष से जुड़े प्रतिनिधियों ने ना केवल अनदेखी की, बल्कि आवाज उठाने वालों को ही दबाने की कोशिश की गई। नगर परिषद के अंदरूनी स्रोतों का कहना है कि निर्माण कार्य की शुरुआत से लेकर अब तक, प्रत्येक चरण में गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया, जिसकी तस्वीरें और ज़मीनी हकीकत सबके सामने हैं — लेकिन “सत्ता का चश्मा” पहन चुके जिम्मेदारों को ये कुछ नजर नहीं आता।
प्रशासनिक जांच की मांग तेज
नगर परिषद के कुछ जागरूक पार्षद अब इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते जांच नहीं हुई तो यह घोटाला आगे और बड़े स्तर पर जनता को प्रभावित करेगा।।
जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता
अब समय आ गया है कि शासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। यह सिर्फ नगर परिषद बकहो की बात नहीं, बल्कि उन करोड़ों नागरिकों के विश्वास का सवाल है जो सरकार पर भरोसा कर अपना वोट देते हैं और बेहतर जीवन की उम्मीद रखते हैं।