ताप विद्युत गृह क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों का आतंक जिम्मेदारों की चुप्पी से बढ़ रहा खतरा
अनूपपुर (चचाई)।जिले के चचाई थाना क्षेत्र अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह से जुड़े राखड़बांध से राखड़ की लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य अनियमित रूप से जारी है। यह राखड़ शारदा ओसीएम की खुली खदान में गड्ढे भरने के लिए लाई जा रही है, लेकिन इस पूरे कार्य में महेश्वरी कंपनी की गाड़ियाँ क्षमता से कई गुना अधिक ओवरलोड होकर चल रही हैं, जो कि यातायात और परिवहन नियमों का खुला उल्लंघन है।
जिम्मेदार अधिकारी मौन बढ़ रहा खतरा
इन भारी ओवरलोड गाड़ियों की तेज रफ्तार और लापरवाही न सिर्फ आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि स्थानीय सड़कों की हालत भी बदतर हो चुकी है। ताप विद्युत गृह के सिविल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में न सिर्फ चुप हैं, बल्कि ठेकेदार की मनमानी को संरक्षण दे रहे हैं।
ओवरलोडिंग ट्रक जो बना रहे हैं बड़ा खतरा: यातायात नियमों की अवहेलना:
ओवरलोड वाहन क्षमता से अधिक वजन लेकर तेज गति में चलते हैं। इससे ब्रेक फेल, नियंत्रण खोना, और आम नागरिकों के साथ टक्कर जैसी दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।सड़कों की दुर्दशा:
भारी गाड़ियों के कारण स्थानीय सड़कें उखड़ चुकी हैं, जिससे राहगीरों और दोपहिया वाहनों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। कहीं-कहीं तो सड़कों में गहरे गड्ढे बन गए हैं।पूर्व में हुई त्रासदी की पुनरावृत्ति का डर:
पहले भी एक बार रखड़ बांध में दरार आकर फूट चुका है, जिससे कई किसानों की फसलें और खेत तबाह हो गए थे। लेकिन आज तक उन्हें न मुआवजा मिला, न ही संरचनात्मक सुधार किए गए। ठेकेदार की मनमानी, प्रशासन की चुप्पी:
पहले की निविदाओं में वाहनों की भार क्षमता का कड़ाई से पालन होता था, लेकिन अब चलित निविदा में मनमर्जी चल रही है। लगता है सत्ता संरक्षण प्राप्त ठेकेदार नियमों को ताक पर रख कर काम कर रहा है।
ओवरलोड वाहनों के गंभीर दुष्परिणाम: पुल-पुलियों पर खतरा: भारी वाहन संरचनाओं पर भार बढ़ा रहे हैं, जिससे उनके ध्वस्त होने की संभावना बढ़ गई है पर्यावरण प्रदूषण: लगातार लोडिंग-अनलोडिंग और ट्रकों की आवाजाही से धूल, ध्वनि और वायु प्रदूषण चरम पर है।कानूनी अपराध: मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के अनुसार ओवरलोडिंग दंडनीय अपराध है, लेकिन इसके विरुद्ध कोई प्रभावी कार्यवाही अब तक नहीं की गई।
प्रशासनिक मिलीभगत पर सवाल
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यह सब पूर्व नियोजित है। ताप विद्युत गृह सिविल विभाग के अधिकारी और ठेकेदार के बीच सांठगांठ होने की आशंका जताई जा रही है। चर्चा यह भी है कि यह सब किसी दीर्घकालिक योजना (जैसे पुणे बंद बंधवाने) के लिए जानबूझकर किया जा रहा है।
यह समस्या मात्र परिवहन की नहीं, बल्कि जनसुरक्षा, अधोसंरचना और प्रशासनिक जिम्मेदारी से जुड़ा गंभीर विषय बन चुकी है। ओवरलोडिंग से न सिर्फ कानून का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों की जान, माल और पर्यावरण तीनों खतरे में हैं।