एमपी में दो से अधिक हथियार रखने वालों पर सख्ती, 3 अक्टूबर तक सरेंडर का अल्टीमेटम
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
एमपी में दो से अधिक हथियार रखने वालों पर सख्ती, 3 अक्टूबर तक सरेंडर का अल्टीमेटम
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
भोपाल। मध्यप्रदेश में दो से अधिक लाइसेंसी हथियार रखने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के गृह विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि 3 अक्टूबर 2025 तक ऐसे सभी नागरिकों को अपने अतिरिक्त हथियार सरेंडर करने होंगे, अन्यथा उनके हथियार लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे।
प्रदेशभर में 913 लोग ऐसे हैं जिनके पास दो से अधिक हथियारों के लाइसेंस हैं, जिनमें से केवल भोपाल में ही 88 लोग शामिल हैं। अब इन्हें तय समय-सीमा में एक या अधिक हथियार पुलिस के समक्ष जमा कराने होंगे।
कानून क्या कहता है?
संसद द्वारा पारित द आर्म्स (अमेंडमेंट) एक्ट 2019 के तहत, अब किसी भी भारतीय नागरिक को अधिकतम दो लाइसेंसी हथियार रखने की अनुमति है। यह संशोधन सुरक्षा कारणों से लाया गया था ताकि गैर-ज़रूरी शस्त्र संग्रह पर रोक लगाई जा सके।
हाईकोर्ट भी दे चुका है टिप्पणी
हाल ही में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान स्पष्ट कहा था कि हथियार रखना कोई मौलिक अधिकार नहीं है, बल्कि यह शासन का विवेकाधिकार है। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि यदि प्रशासन आवश्यक समझे, तो लाइसेंस रद्द भी किए जा सकते हैं।
अब क्या होगा?
प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे लाइसेंसधारकों को चिन्हित किया जा रहा है। स्थानीय पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी करें और यह सुनिश्चित करें कि 3 अक्टूबर 2025 तक सरेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाए। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।