सालों से एक ही कुर्सी पर जमे सांची जनपद के मनरेगा प्रभारी
सचिव रोजगार सहायकों को भ्र्ष्टाचार के मामलों में बजाय जांच के उनको अभयदान देकर जमकर कर रहे कमाई।
सालों से एक ही कुर्सी पर जमे सांची जनपद के मनरेगा प्रभारी
सचिव रोजगार सहायकों को भ्र्ष्टाचार के मामलों में बजाय जांच के उनको अभयदान देकर जमकर कर रहे कमाई।
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन। जनपद पंचायत सांची में मनरेगा प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी सालों से मनरेगा प्रभारी एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं। वह सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों को भ्रष्टाचार के मामले में बचाकर उनसे जमकर कमाई कर रहे हैं। बताया जाता है कि त्रिपाठी पिछले 15-20 सालों से सांची जनपद पंचायत की कुर्सी पर बैठे हुए। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इनका तबादला जनपद पंचायत गैरतगंज में हुआ था। लेकिन सांची जनपद से उनका मोह नहीं छूट रहा।क्योंकि यहां उनकी सालों से भ्रष्टाचार की जड़ें काफी मजबूत हो चुकी हैं। शासन स्तर पर इनका तबादला जनपद पंचायत गैरतगंज हो गया था।जिसके तहत कुछ दिन औपचारिकता पूर्वक जनपद गैरतगंज में ड्यूटी करते रहे और बाद में जुगाड़ टेक्निक भिड़ाकर दोबारा जनपद पंचायत सांची की मलाईदार मनरेगा प्रभारी की कुर्सी पर विराजमान हो गए। ऐसी जनचर्चा है कि है कि मनरेगा प्रभारी त्रिपाठी ने अभी तक लाखों करोड़ों की कमाई कर अकूत चल अचल संपत्ति एकत्रित कर ली है।बताया जाता है कि उनकी धर्मपत्नी के नाम दो जगह गांवों में उन्होंने लाखों रुपये कीमत की जमीन की खरीदी भी की गई है।क्या शासन की तबादला नीति का नियम इन पर लागू नहीं होता।वैसे शासन की तबादला नीति के मुताबिक कोई भी सरकारी अधिकारी कर्मचारी जिले में 3 सालों से ज्यादा नौकरी नहीं कर सकता।लेकिन यहां मनरेगा प्रभारी तीन चार साल नहीं पूरे 15 से20 साल बीत चुके हैं।लेकिन वह कुर्सी से जरा सा भी टस से मस नहीं हुए हैं।वह जिले में बैठे वरिष्ठ प्रशानिक अधिकारियों से नजदीकियां बढ़ाने में काफी माहिर हैं।इसलिए भी उनकी कुर्सी पर आंच तक नहीं आती।
इनका कहना है….
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।आपके द्वारा बताने पर मुझे पता चला है।ठीक है हम इस मामले को दिखवाकर अग्रिम कार्रवाई करवाते हैं।शंकर सिंह पांसे सीईओ जनपद पंचायत सांची