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आठनेर के अष्टविनायक वेयरहाउस के आगे दंडवत बैतूल जिले के अधिकारी

जांच में लीपापोती कर शासन को लगा रहे करोड़ों का चूना ? 

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आठनेर के अष्टविनायक वेयरहाउस के आगे दंडवत बैतूल जिले के अधिकारी

 

जांच में लीपापोती कर शासन को लगा रहे करोड़ों का चूना ?

 

किसानों से हुई मूंग की खरीदी का नहीं किया रिकॉर्ड चेक, नहीं बंद हो जाता वेयरहाउस

 

मनीष कुमार राठौर / 8109571743

प्राईम संदेश

बैतूल/आठनेर। बैतूल जिले के आठनेर में अष्टविनायक वेयरहाउस पर मूंग खरीदी में हुए भारी भ्रष्टाचार और घोटाले की खबर को प्राइम संदेश ने प्रमुखता से उजागर किया था। खबर सामने आते ही जिला प्रशासन की नींद टूटी और आनन-फानन में जांच टीम गठित कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। लेकिन अब जो तस्वीर सामने आई है, वह प्रशासन की साफ मिलीभगत और लीपापोती को उजागर कर रही है? जांच के नाम पर अधिकारियों ने खानापूर्ति कर न केवल दोषियों को बचाया बल्कि शासन को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का रास्ता साफ कर दिया।आपको बता दे कि इस जांच में गुम हुए सबूत, भ्रष्टाचारियों को बचाने का खेल जोरो पर चल रहा है । विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच टीम ने किसानों और खरीद केंद्रों से की गई मूंग खरीदी के सबूत और गवाहों के बयान नहीं लिए, जांच के लिए सैंपल में भी घोटाला किया है । जिला प्रशासन की मिलीभगत से यह घोटाला न केवल किसानों के साथ धोखा है, बल्कि शासन के खजाने पर भी बड़ा डाका है। अगर इस पर तुरंत सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला बैतूल के सबसे बड़े कृषि अनाज खरीदी घोटालों में शामिल हो सकता है ?

 

 

प्राईम संदेश के सूत्रों ने बताया कि मूंग की तौल में भारी हेराफेरी की गई, इसके अलावा घटिया क्वालिटी की मूंग को किसानों के नाम पर खरीद कर रखी गई जबकि यह मूंग खरीदी व्यापारियों से की गई है, जांच के नाम पर घोटाला करते हुए किसानों से खरीदी का मिलान भी नहीं किया गया है । और जब जांच रिपोर्ट बनाई गई, तो इन सबूतों को नजरअंदाज कर दिया गया। दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें क्लीनचिट देने की तैयारी की गई। यदि नहीं तो आज 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही मतलब आप समझ सकते है क्या घोटाला हुआ है ? अष्टविनायक वेयरहाउस का बचाव क्यों, स्थानीय लोगों और किसानों का आरोप है कि अष्टविनायक वेयरहाउस के संचालकों की जिले के बड़े अधिकारियों से गहरी सांठगांठ है। यही वजह है कि प्रशासन ने अब तक वेयरहाउस और रिकॉर्ड सील नहीं किया। न ही इनके ऊपर कोई मामला पंजीबद्ध किया है , मूंग खरीदी के पूरे लेन-देन का हिसाब-किताब अब भी गुप्त रखा गया है। वहीं जिले के उच्च अधिकारी जांच स्थल पर पहुंचे, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ औपचारिक निरीक्षण कर लौट गए। इससे साफ हो गया है कि अधिकारी अष्टविनायक वेयरहाउस के आगे दंडवत होकर बैठे हैं।

 

 

शासन को लाखों का चूना

 

बैतूल जिलें के आठनेर के इस घोटाले में शासन को अब तक लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों को दी जाने वाली समर्थन मूल्य राशि का बड़ा हिस्सा गलत तरीके से हड़प लिया गया। घटिया मूंग को किसानों के नाम पर दिखाकर सरकारी भंडारण में जमा कर दिया गया । प्रशासन की चुप्पी से बढ़े सवाल उठ रहे है, इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पक्के सबूत मौजूद हैं, तो फिर दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? क्या जिला प्रशासन इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल है? क्या उच्च अधिकारियों के दबाव में यह मामला दबाया जा रहा है? क्या शासन तक गलत रिपोर्ट भेजी गई है ताकि दोषी बच सकें? यदि आने वाले दिनों में यह मामला जिला मुख्यालय से लेकर भोपाल तक गूंजेगा ।

 

सवाल जिसका जवाब जनता जानना चाहती है ।

 

1. इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

 

2. अष्टविनायक वेयरहाउस को तुरंत सील किया जाए।

 

3. दोषी अधिकारियों और संचालकों पर एफआईआर दर्ज हो।

 

4. शासन को हुए नुकसान की भरपाई दोषियों से कराई जाए।

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