गणपति महोत्सव समापन पर धामनोद में दिखा आस्था का विराट रूप
देखिए video गलियां रंग-बिरंगे सजावट से जगमगाने लगीं।
लोकेशन – धामनोद
संवाददाता मोनू पटेल
गणपति महोत्सव समापन पर धामनोद में दिखा आस्था का विराट रूप
देखिए video गलियां रंग-बिरंगे सजावट से जगमगाने लगीं।
धामनोद – नगर में सोमवार की रात भक्ति और आस्था का ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं। गणेश विसर्जन के अवसर पर पूरा नगर श्रद्धा और उत्साह के समंदर में डूबा नजर आया।
जैसे ही शाम ढली, धामनोद की गलियां रंग-बिरंगे सजावट से जगमगाने लगीं। हर चौराहा भक्तिभाव से ओतप्रोत दिखाई दे रहा था। नगरवासियों की अपार आस्था ने इस रात्रि को सचमुच अविस्मरणीय बना दिया।
रात्रि 8 बजे पुराने बस स्टेशन पर गणेश उत्सव के विभिन्न मंडलों की झांकियां एकत्रित हुईं। नगर के 5–6 प्रमुख मंडलों ने इस वर्ष विशेष रूप से आकर्षक और भव्य झांकियां सजाई थीं। इनमें भोलेनाथ की शेषनाग पर विराजमान अद्भुत झांकी, विशाल गणेश प्रतिमाएं और सांस्कृतिक प्रतीक दर्शाने वाले जीवंत दृश्य लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे थे।
यह भव्य चल समारोह महेश्वर चौराहे से होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरा। पूरे रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। “गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय और रोमांचक हो उठा। झांकियों के साथ गूंजते भजन और भक्ति गीत इस शोभायात्रा को और भी दिव्यता प्रदान कर रहे थे।
नगर की जनता एक सुर में बप्पा से प्रार्थना कर रही थी कि वे सबके जीवन से विघ्न हरें और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
चल समारोह पुराने बस स्टेशन से लौटते हुए विसर्जन हेतु नर्मदा तट की ओर बढ़ा। भक्तों की आंखों में जहां बप्पा की विदाई का दर्द था, वहीं दिल में अगले वर्ष पुनः बप्पा को घर लाने का उत्साह भी झलक रहा था।
नर्मदा तट पर पहुंचकर मंत्रोच्चार, दीपों की झिलमिलाहट और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच श्रद्धालुओं ने गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। जैसे ही बप्पा जलधारा में समाए, पूरा दृश्य भावविभोर कर देने वाला था। श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर आशीर्वाद मांगा और बप्पा को नम आंखों से विदा किया।
इस भव्य आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाने में पुलिस प्रशासन की भूमिका सराहनीय रही। धामनोद थाना प्रभारी और उनकी टीम ने पूरी सतर्कता और व्यवस्थापन के साथ शोभायात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया। यातायात व्यवस्था से लेकर सुरक्षा प्रबंध तक, हर स्तर पर प्रशासन तत्पर दिखाई दिया। यही कारण रहा कि भक्त पूरी श्रद्धा और निश्चिंतता के साथ विसर्जन में सहभागी बन सके।