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शराब नीति पर जीतू पटवारी के बयान से सियासी भूचाल: असल मुद्दा नशा या बयान का बहाना?

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शराब नीति पर जीतू पटवारी के बयान से सियासी भूचाल: असल मुद्दा नशा या बयान का बहाना?

 

 

ज्ञानेंद्र पांडेय 7974034465

 

अनूपपुर |मध्यप्रदेश में शराब नीति को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी के हालिया बयान ने भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है, लेकिन भाजपा ने पलटवार करते हुए इस बयान को महिलाओं का अपमान बताया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा मुद्दे की गंभीरता से भटक रही है और सच छुपाने के लिए बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है।

 

क्या कहा था जीतू पटवारी ने?

एक जनसभा में पटवारी ने शराब नीति पर सवाल उठाते हुए कहा:

 

भाजपा सरकार ने प्रदेश को नशे में झोंक दिया है। अब महिलाएं भी शराब की गिरफ्त में आ रही हैं, ये बहुत ही चिंताजनक है। सरकार ने हर गली-मोहल्ले में शराब की दुकानें खोल दी हैं।”

 

काग्रेस का कहना है कि यह बयान राज्य में बढ़ते नशे के प्रभाव को लेकर सामाजिक चिंता व्यक्त करता है, न कि महिलाओं को नीचा दिखाने का प्रयास है।

 

कांग्रेस का पलटवार: ‘सच कहने पर हंगामा, अपमान पर चुप्पी’

 

किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय यादव ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा:

 

अगर भाजपा महिलाओं के आत्मनिर्भरता की बात करती है, तो फिर उनके लिए अलग शराब दुकानों की शुरुआत क्यों हुई? क्या यही है उनका ‘नारी सशक्तिकरण मॉडल’?”

यादव ने आगे कहा कि वायरल हो रहे वीडियो, जिनमें महिलाएं नशे में लड़ती या झगड़ती नजर आ रही हैं, यह सामाजिक त्रासदी का संकेत हैं, जिसका ज़िम्मेदार भाजपा की ‘लाभ के लिए लत’ वाली शराब नीति है।

 

शराब नीति: मुनाफा सरकार का, नुकसान समाज का?

 

कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने राजस्व बढ़ाने के नाम पर प्रदेश में शराब का नेटवर्क अभूतपूर्व रूप से फैला दिया है:

हर गली-मोहल्ले में शराब दुकानें

मोबाइल शराब वैन और होम डिलीवरी सुविधा

महिलाओं के लिए विशेष काउंटर और छूट योजनाएं

कांग्रेस का कहना है कि यह सब समाज को धीमे ज़हर की तरह खोखला कर रहा है।

 

महिलाओं के सम्मान पर भाजपा का दोहरा रवैया?

 

कांग्रेस ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि वह विपक्षी बयानों पर तो सियासत करती है, लेकिन अपने नेताओं के महिला अपमान पर मौन रहती है।

 

अनूपपुर के जैतहरी में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता पर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष (महिला) को मंच से अपमानित करने का आरोप है। पीड़िता ने जैतहरी थाने में लिखित शिकायत दी, लेकिन न तो भाजपा जिलाध्यक्ष और न ही किसी वरिष्ठ नेता ने अब तक प्रतिक्रिया दी है।

 

अजय यादव ने यह भी बताया

की जब खुद भाजपा नेता महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं, तब कोई नारा नहीं लगता, कोई पुतला नहीं जलता। यही भाजपा का असली चरित्र है।”

 

बहस असल मुद्दे पर होनी चाहिए, बहाने पर नहीं

 

जीतू पटवारी का बयान महिलाओं के खिलाफ नहीं, बल्कि राज्य में बढ़ती नशाखोरी पर चेतावनी था। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा इस बयान को राजनीतिक हथियार बना रही है, जबकि असल मुद्दा — शराब नीति और उसका सामाजिक प्रभाव कहीं खो गया है।

राजनीति में आलोचना होनी चाहिए, लेकिन समाजहित के मुद्दों पर बहस जरूरी है न कि उनका राजनीतिकरण।

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