*क्रांतिकारी जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित*
खंडवा। फिर नहीं सुनने को मिलेंगे, अब कडवे प्रवचन, निर्भीक होकर कौन कहेगा अब सत्य के सुवचन, शून्य से लेकर अनगिनत तक थे जिसके अकाट्य मत, कौन खुलकर कहेगा अब, गलत को गलत वो दिगंबर मुनि जो हम सबको गहरी नींद से थे जगाते, जिनके कुछ कडवे कथनों से अंतरमन परिवर्तित हो जाते। वह “तरुण “अब चल पड़े है मोक्ष के अपने रास्ते छोड़कर गए है वो देखो “कडवे प्रवचन ” हमारे वास्ते। जैन मुनि आचार्य तरुण सागर जी महाराज कहते थे कि कड़वाहट मेरे प्रवचनों में नहीं, समाज और लोगों के आपसी रिश्तों में घुल गई है। इसलिए मेरे प्रवचन कड़वे लगते हैं। यह बात जैन मुनि आचार्य तरुण सागर जी महाराज की पुण्यतिथि पर सदभावना मंच कार्यालय में मुनि श्री को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सदभावना मंच संस्थापक प्रमोद जैन ने कही। यह जानकारी देते हुए मंच के निर्मल मंगवानी ने बताया कि इस मौके पर मंच संस्थापक प्रमोद जैन, रूपचंद आर्य, पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, सुरेंद्र गीते, गणेश भावसार, निर्मल मंगवानी, मनीष गुप्ता, डॉ एमएम कुरैशी, नदीम रॉयल राधेश्याम शाक्य, आनंद बुंदेला, सुभाष मीणा, कैलाश पटेल आदि सहित अनेक सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित की।