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खरगोन के पशुपालन विभाग में ऑडिट घोटाला, अधिकारियों पर वसूली का आरोप ? 

नाक के नीचे हुआ भ्रष्टाचार, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते सहायक संचालक पशुपालन खरगोन 

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खरगोन के पशुपालन विभाग में ऑडिट घोटाला, अधिकारियों पर वसूली का आरोप ?

 

नाक के नीचे हुआ भ्रष्टाचार, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते सहायक संचालक पशुपालन खरगोन

 

अधिकारियों से हुई वसूली और ऑडिट टीम भागी, सूत्रों से प्राप्त जानकारी

 

मनीष कुमार राठौर/ 8109571743

खरगोन / भोपाल । खरगोन जिले के पशुपालन विभाग में ऑडिट को लेकर एक बड़े घोटाले का खुलासा सूत्रों से हुआ है। आपको बता दे कि कुछ अधिकारी कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि पांच हजार से लेकर आठ हजार तक अवैध वसूली के लिए जिला मुख्यालय में पदस्थ बाबुओं के द्वारा दबाओ बनाया गया और राशि ली गई । जिसको जोड़ा जाए 12 से 15 लाख तक का कलेक्शन होते है, जिसके कुछ वीडियो और फोटो प्राईम संदेश को उपलब्ध भी कराए गए सूत्रों के द्वारा । जिसकी अब शिकायत लोकायुक्त को भी हो चुकी है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने लंबित ऑडिट को ‘क्लियर’ करने के नाम पर निचले स्तर के डॉक्टरों और कर्मचारियों से लाखों रुपये की अवैध वसूली की है। आरोप है कि वसूली के बाद ऑडिट टीम बिना जांच पूरी किए ही वापस लौट गई। जबकि टीम जब जांच कर रही थी तब प्राईम्स टीवी न्यूज के संवादाता खरगोन कार्यालय में गए तब ऑडिट टीम देख कर भाग गई और रात में ऑडिट की जबकि कई बिंदुओं पर जांच अभी भी पूरी नहीं हुई फिर भी मामले को रफा दफा कर दिया गया।

क्या है मामला?

 

पिछले कई वर्षों से खरगोन पशुपालन विभाग का ऑडिट रुका हुआ था। इसी साल इसे पूरा करने की तैयारी शुरू हुई, जिसका फायदा उठाकर जिला मुख्यालय के कुछ अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का जाल बिछा दिया। सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों ने प्रत्येक ब्लॉक और अन्य स्थानों पर कार्यरत कर्मचारियों और डॉक्टरों से 5,000 से 8,000 रुपये तक की रिश्वत की मांग की। जो कर्मचारी पैसे देने में आनाकानी कर रहे थे, उन्हें ‘जांच और कार्रवाई’ की धमकी दी गई। वहीं जब प्राईम संदेश ने ऑडिट टीम भागी से सवाल पूछने चाहे तो टीम निकल गई । तब सवाल खड़े हुए तो सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि रिश्वत की यह राशि एकत्र करने के बाद, जब ऑडिट टीम खरगोन पहुंची, तो उन्होंने बिना किसी गहन जांच के ही अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली और जल्द ही वहां से रवाना हो गए। इस आनन-फानन में हुई वापसी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि यह सब पैसे के लेन-देन के बाद हुआ, जिससे पूरा ऑडिट एक दिखावा बनकर रह गया। जांच की मांग, कार्रवाई का इंतजार है यह गंभीर मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि, अभी तक किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सूत्रों का कहना है कि यह पूरा मामला उच्च अधिकारियों की जानकारी में लाया गया है और इस पर जल्द ही जांच की उम्मीद है। भ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।

 

क्या कहना है

 

आपके द्वारा बताया गया है जानकारी ली जा रही है ।

 

विल्सन डावर ज्वॉइन डायरेक्टर इंदौर संभाग पशुपालन विभाग

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