आदिवासी स्वाभिमान की बुलंद आवाज़ रामचंद्र कासडे बने, अनुसूचित जाति जनजाति विकास कल्याण समिति के प्रेस सचिव
आदिवासी स्वाभिमान की बुलंद आवाज़ रामचंद्र कासडे बने, अनुसूचित जाति जनजाति विकास कल्याण समिति के प्रेस सचिव
संघर्ष की जमीन से उठकर, समाज की सेवा को अपना लक्ष्य बनाने वाले, युवाओं के प्रेरणास्रोत और आदिवासी समाज की आत्मा से जुड़े हुए श्री रामचंद्र कासडे को अनुसूचित जाति जनजाति विकास कल्याण समिति का प्रेस सचिव नियुक्त किया गया है।
यह केवल एक पद नहीं, बल्कि उस विश्वास का सम्मान है, जो समाज ने उनके समर्पण, सत्यनिष्ठा और बेबाक लेखनी पर जताया है। वर्षों से आदिवासी अंचलों की समस्याओं को निर्भीकता से उठाते हुए, उन्होंने पत्रकारिता को केवल पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा का संकल्प बना दिया।
श्री कासडे की लेखनी में आँकड़े नहीं, जज़्बात बोलते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में केवल ख़बरें नहीं, पीड़ितों की पुकार और बदलाव की पुकार होती है। उन्होंने उन आवाज़ों को मंच दिया, जिन्हें अक्सर समाज अनसुना कर देता है।
अनुसूचित जाति जनजाति विकास कल्याण समिति ने विश्वास व्यक्त किया है कि श्री कासडे की ऊर्जा, अनुभव और संवेदनशील दृष्टिकोण से समिति की गतिविधियाँ एक नए विस्तार को प्राप्त करेंगी।
उनकी नियुक्ति पर समिति के संस्थापक श्री अतिश पाण्डेय, उपाध्यक्ष श्री किशोर अंकिल, वरिष्ठ सदस्य श्री कृष्णकुमार गाठिया, तथा श्री आर. के. खेराज ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “श्री रामचंद्र कासडे जैसे जागरूक और जमीनी कार्यकर्ता का हमारे साथ जुड़ना समिति के लिए सौभाग्य की बात है। हमें पूर्ण विश्वास है कि वे जनसंपर्क के माध्यम से संगठन की नीतियों को समाज तक प्रभावी रूप से पहुँचाएँगे।”
रामचंद्र कासडे उन विरले व्यक्तित्वों में से हैं, जिन्होंने कलम को हथियार बनाया — अन्याय के विरुद्ध, असमानता के खिलाफ, और बदलाव के पक्ष में। उनकी सक्रियता, नेतृत्व क्षमता और समाज के लिए सोच उन्हें एक असाधारण प्रतिनिधि बनाती है।