किसानों एवं व्यापारियों के बीच घिरे विधायक प्रतिनिधि।
गाड़ी की चाबी निकाल परेशान करने का कृषक ने लगाया आरोप।
किसानों एवं व्यापारियों के बीच घिरे विधायक प्रतिनिधि।
गाड़ी की चाबी निकाल परेशान करने का कृषक ने लगाया आरोप।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
घटना मझौली उपखंड पुलिस चौकी पथरौला दादर ग्राम पंचायत के जोगी पहाड़ी की बताई जा रही है। जहां विधायक प्रतिनिधि कृषि विभाग रमाशंकर गुप्ता पर किसान सहित व्यापारियों ने अनर्गल परेशान किए जाने का आरोप लगाया है। बताया यह भी जा रहा है अगर पुलिस चौकी पथरौला की पास में न होती तो मारपीट तक की घटना घटित हो सकती थी।जिसका वीडियो बना लोगों ने विधायक प्रतिनिधि के कार्य प्रणाली को उजागर करने के लिए मीडिया को अवगत करायें है।
उपलब्ध कराए गए वीडियो में साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं ना कहीं विधायक प्रतिनिधि द्वारा अपने मूल कर्तव्यों से भटक किसानों एवं व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक जो खाद का रैंक लगता है वह 20—80 के अनुपात में यानी 20% व्यापारियों को और 80% कृषि विपरण एवं सहकारी समितियां को प्रदान होती है। जो सीधे उल्टा देखा जा रहा है की सहकारी समिति में नाम मात्र की खाद उपलब्ध हो रही है और बाजार में भारी मात्रा में ।यदि देखा जाए तो मझौली उपखंड में सात सहकारी समितियां है जहां किसी भी समिति में खाद की उपलब्धता नहीं है। लोगों की माने तो इनका कहना है कि जिम्मेदार सहकारी समितियां को खाद की उपलब्धता बनाए रखने के लिए क्यों नहीं प्रयास कर रहे हैं। यदि समितियां में सस्ती खाद उपलब्ध हो जाए तो हम लोग बाजार में महंगी नकली खाद खरीदने क्यों जाएं। लेकिन जिम्मेदार इसे नजर अंदाज करते हुए उल्टे हम लोगों एवं व्यापारियों जहां से महंगी ही सही पर आसानी से खाद मिल जाती है उन्हें परेशान करने करने में जुटे रहते हैं।
बताया जा रहा है कि व्यापारियों किसानों एवं विधायक प्रतिनिधि रमाशंकर गुप्ता के बीच उस समय कहां सनी होने लगी जब एक कृषक को गली में रोक उसका वीडियो बना बयान लेकर प्रशासनिक अमला को बुला एक व्यापारी पर खाद की कालाबाजारी एवं अधिक रेट में बेचे जाने का आरोप लगाते हुए दुकान में छापा डलवा दिए लेकिन वहां से खाद मरामद नहीं हुई। तभी गांव के ही व्यापारी एवं किसान विधायक प्रतिनिधि पर आक्रोशित हो गए। वही कृषक भी परेशान किए जाने को लेकर विधायक प्रतिनिधि पर विफरता नजर आ रहा है। बताया यह जा रहा है कि अगर प्रशासनिक अमला सक्रिय न होता तो विधायक प्रतिनिधि पिट भी सकते थे। ऐसे में विधायक की भी काफी किरकिरी होती क्योंकि यह अपने कारनामों से पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं।
*विधायक प्रतिनिधि नियुक्त पर भी जारी है चर्चा*
अभी जनपद मझौली के समान्य सभा के लिए मनोनीत सदस्य का मामला ठंडा नहीं हुआ है वही कृषि विभाग के लिए नियुक्त विधायक प्रतिनिधि को लेकर भी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। जानकारों का कहना है कि जिस समिति की निर्वाचित महिला सदस्य सभापति हो उसका पति निर्वाचित प्रतिनिधि का प्रतिनिधि नहीं बन सकता। मझौली जनपद के कृषि स्थाई समिति की सभापति शांती गुप्ता है जो कि नियुक्त विधायक प्रतिनिधि रमाशंकर गुप्ता की पत्नी है ऐसे में रमाशंकर गुप्ता को प्रतिनिधि नियुक्त किया जाना क्या उचित है? क्योंकि अभी एक प्रकरण जनपद पंचायत मझौली जहां अध्यक्ष के पिता को मनोनीत सदस्य घोषित किए जाने को लेकर काफी सुर्खियों में रहा जिसका प्रकरण शायद अभी कोर्ट में बेचाराधीन है। ऐसे में इन्हें विधायक प्रतिनिधि कैसे नियुक्त कर दिया गया क्या क्षेत्रीय अनुभवी विधायक को भी गुमराह किया गया है?