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हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में घोषित करने राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय ने की मांग

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*हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में घोषित करने राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय ने की मांग*

 

*अरविंद सिंह परिहार सीधी*

 

हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने के लिए विन्ध्य की बेटी राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री से मांग की है। जो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है। मान्या पाण्डेय ने प्रधानमंत्री से अपनी करते हुए कहा कि आप देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री मंत्री हैं जो देश हित में हर फैसला लेते हैं। आपने जैसे एक देश एक चुनाव की नीति बनाई है। वैसे ही एक देश एक भाषा की नीति बनाईये और स्थानीय भाषा के साथ हिंदी भाषा को भी पूरे देश में अनिवार्य कराइये। जिससे देश वासियों को देश के किसी कोने में आने जाने में हिंदी को लेकर दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। आदरणीय प्रधानमंत्री जी मैं कक्षा 10 की छात्रा हूं और राष्ट्रीय लोक गायिका हूं और आपने मेरा प्रोग्राम 2023 रीवा म.प्र. में 11 मिनट तक मंच पर खड़े होकार देखा था। जो कि मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। प्रधानमंत्री मुझे देश भर में अपना प्रोग्राम करने आना जाना पड़ता है। तो मुझे हिंदी भाषा को लेकर काफी दिक्कतें होती है । मैं दक्षिण भारत में मैंने तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उड़िसा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की यात्रा कर चुकी हूं। जहां हिन्दी भाषा को लोग घृणा की दृष्टि से देखते हैं जिसको देख कर मुझे काफी दुखी होता है। दक्षिण भारत में अधिकांश लोग हिंदी समझ नहीं पाते। जबकि अंग्रेजी भाषा को आसानी से समझ जाते हैं। जब लोग अंग्रेजी समक्ष लेते हैं और उसे स्वीकार कर चुके हैं तो हिन्दी क्यों नहीं अपनाते। यह बात मेरी समझ में नहीं आती। मैं सभी स्थानीय भाषाओं का सम्मान करती हूं। सभी को अपनी मातृभाषा बोलने का अधिकार है। किन्तु मैं अपनी मातृभाषा हिंदी भाषा का अपमान सहन नहीं कर पाती। हमारे देश की सबसे ज्यादा आबादी हिन्दी भाषा का उपयोग करती है। फिर भी हिंदी को कुछ लोग घृणा की दृष्टि से देखते हैं और अंग्रेजी भाषा को गले से लगा रहे हैं। जिस तरह हमें दक्षिण भारत व अन्य प्रांतों की यात्रा के दौरान आम जनता को बोली भाषा को लेकर दिक्कतें होती है उसी तरह दक्षिण भारत के लोगों को भी अन्य प्रांतों में जाने में बोली भाषा को लेकर दिक्कते होती है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी हम अपने देश में ही पराये जैसा महसूस करने लगते हैं और अपमानित होते हैं। मेरा प्रधानमंत्री जी मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि स्थानीय भाषाओं के साथ एक देश एक भाषा के रूप में हिन्दी भाषा अनिवार्य की जाये और पूरे देश के सभी शासकीय कार्यालयों का काम काज हिंदी भाषा में कराया जाये और हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित कर उसे भारत माता के माथे की बिंदी बनाया जाये। यही मेरी अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग है।

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