प्रदेश में संगठन कौशल का नया चेहरा बनकर उभरे इंजीनियर रवि पांडे, भाजपा में दी नई राजनीतिक पारी की दस्तक
डिजिटल सदस्यता अभियान में कांग्रेस को दिलाई थी ऐतिहासिक बढ़त, अब भाजपा में सम्मानित होकर दिखाया संगठन क्षमता का लोहा — जांजगीर-चांपा में कांग्रेस को उनके न रहने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा
रायपुर/जांजगीर-चांपा।
राजनीति में प्रतिबद्धता, कार्यकुशलता और जनसंपर्क की ताकत जब किसी नेता के भीतर समाहित होती है, तो वह किसी भी दल में संगठन की रीढ़ बन जाता है। इंजीनियर रवि पांडे इसी श्रेणी के नेता हैं, जिन्होंने तीन दशक तक कांग्रेस संगठन में रहकर अपनी कर्मठता से पहचान बनाई और अब भारतीय जनता पार्टी में एक सशक्त भविष्य की संभावना के साथ नई पारी की शुरुआत की है।
वर्ष 2022 में कांग्रेस के डिजिटल सदस्यता अभियान में उन्होंने हजारों की संख्या में सदस्य बनाकर प्रदेश में चीफ इनरोलर के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने रायपुर स्थित राजीव भवन में सम्मानित किया था। उन्होंने स्वयं के बनाए गए सदस्यों का सदस्यता शुल्क प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जमा कराकर ईमानदारी और संगठन के प्रति निष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया था।
इसी तरह 2018 के शक्ति प्रोजेक्ट सदस्यता अभियान में भी रवि पांडे ने हजारो की संख्या मे सदस्य बनाकर जांजगीर-चांपा विधानसभा को प्रदेश में दूसरा स्थान दिलाया था। छात्र जीवन से ही एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के माध्यम से सक्रिय राजनीति में भागीदारी निभाने वाले पांडे, पार्टी की हर मुश्किल घड़ी में साथ खड़े रहे।
पार्टी निर्णयों से असहमति बनी त्यागपत्र का कारण
हालांकि विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी में लिए गए कुछ निर्णयों को लेकर रवि पांडे ने सार्वजनिक रूप से “आत्मिक असहमति” जताई और 20 मार्च 2024 को प्रदेश कांग्रेस के संयुक्त महासचिव पद व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यह निर्णय उन्होंने किसी निजी लाभ के लिए नहीं, बल्कि संगठनात्मक सोच और सिद्धांतों की असहमति के आधार पर लिया।
इस्तीफे के बाद कांग्रेस को मिली करारी सज़ा
रवि पांडे के त्यागपत्र के कुछ ही सप्ताहों बाद हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र में भारी नुकसान उठाना पड़ा।
जहां पहले संगठन की जमीनी पकड़ मजबूत थी, वहीं उनके हटते ही स्थानीय संगठन ढीला पड़ा और जनसंपर्क तंत्र चरमराया, जिसका असर सीधे परिणामों पर पड़ा।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में यह क्षेत्रीय स्तर पर पार्टी की सबसे बड़ी चूक रही, जिससे कांग्रेस को भारी नुकसान और भाजपा को अप्रत्याशित बढ़त मिली।
भाजपा में सम्मान, नयी उम्मीदें
अब रवि पांडे को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान में सम्मानित किया गया है। वह गैर-सांसद एवं गैर-विधायक श्रेणी में प्रदेश में प्रथम स्थान और एकीकरण श्रेणी में सातवां स्थान हासिल करने में सफल रहे हैं। यह सफलता उनकी संगठनात्मक समझ, जमीनी पकड़ और टीम मैनेजमेंट की सशक्त क्षमता का परिचायक है।
क्षेत्र में मजबूत पकड़, भाजपा के लिए बड़ा राजनीतिक लाभ
जांजगीर-चांपा जिले की राजनीति में रवि पांडे की सामाजिक स्वीकार्यता, युवाओं में प्रभाव और हर वर्ग से संवाद की शक्ति उन्हें क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनाती है। उनके भाजपा में आने से पार्टी को ओबीसी वर्ग, शहरी मध्यम वर्ग और युवा मतदाताओं के बीच बड़ी मजबूती मिलेगी।
भविष्य में नई भूमिका की संभावना
भाजपा में संगठन से लेकर शासन तक, रवि पांडे जैसे कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है, जो केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि पूरे समय मौन कर्मयोगी की तरह पार्टी के लिए कार्य करें। संगठनात्मक अनुभव, तकनीकी दक्षता और जमीनी जुड़ाव को देखते हुए भाजपा उन्हें आने वाले समय में प्रभावशाली भूमिका में ला सकती है।
“यह मेरे लिए गौरव का क्षण है कि भाजपा ने मेरे संगठनात्मक प्रयासों को सम्मान दिया। मैं पार्टी नेतृत्व का आभार प्रकट करता हूं और अपने समर्पित साथियों का भी, जिनकी मेहनत से यह उपलब्धि संभव हुई।” — इंजीनियर रवि पांडे