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वृद्ध मां को घर से निकालने वाले बेटे और बहू को संदीपनघाट पुलिस ने किया गिरफ्तार

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News By- नितिन केसरवानी

*माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण अधिनियम 2007 के तहत कार्रवाई, बुजुर्ग महिला को दिलाया न्याय*

कौशाम्बी। थाना संदीपनघाट क्षेत्र में बृहस्पतिवार को एक गंभीर पारिवारिक उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वृद्ध मां को घर से निकालने वाले बेटे और बहू को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई *माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007* के तहत की गई है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम लोहरा थाना संदीपनघाट निवासी गुलाब पुत्र स्व. बाले एवं उसकी पत्नी कुसुम देवी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां डेबरी देवी के साथ मारपीट कर गाली-गलौज करते हुए उन्हें घर से निकाल दिया। अत्याचार से दुखी होकर वृद्धा डेबरी देवी को मजबूरन मंझनपुर आश्रय लेना पड़ा। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक कौशांबी राजेश कुमार ने तत्काल थानाध्यक्ष संदीपनघाट को आवश्यक विधिक कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद थाना संदीपनघाट पुलिस ने अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा संख्या 176/25, धारा 115(2)/351(2)/352 बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
*कानून का संदेश – वृद्धों के सम्मान से कोई समझौता नहीं*
यह पूरी कार्रवाई भरण-पोषण अधिनियम 2007 के तहत की गई है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी संतान अपने माता-पिता या वृद्ध परिजनों की देखभाल से मुंह नहीं मोड़ सकती। कानून बुजुर्ग माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चों व रिश्तेदारों से भरण-पोषण की कानूनी गारंटी देता है, विशेषकर जब वे खुद अपने जरूरी खर्च नहीं उठा सकते।
*पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा*
जनपद में किसी भी बुजुर्ग के साथ अन्याय या उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी शिकायतों पर तत्काल और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
*पुलिस विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि, यदि आपके आसपास कोई बुजुर्ग परिजन उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारी से संपर्क करें। अपने माता-पिता और वरिष्ठ परिजनों का सम्मान करें,यही एक सशक्त समाज की पहचान है। यह कार्रवाई न सिर्फ एक पीड़ित बुजुर्ग को न्याय दिलाने की मिसाल है, बल्कि समाज को यह स्पष्ट संदेश भी देती है कि बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार अब कानूनी दायरे में दंडनीय है।

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