हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
*कौशाम्बी* परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने के मकसद से जुलाई माह में जिलाधिकारी ने टीम गठित करके परिषदीय विद्यालयों की जांच कराई थी डीएम द्वारा परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण कराए जाने के बाद विभिन्न विद्यालयों के 160 शिक्षक निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए हैं जिनका एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिया गया है डीएम के निरीक्षण के निर्देश के बाद परिषदीय विद्यालयों में मिली खामी के चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यों पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं यदि समय रहते बेसिक शिक्षा अधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों की जांच कराई होती और शिक्षकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया होता तो शिक्षकों के यह मजाल नहीं था कि वह विद्यालय छोड़कर फरार रहते
जुलाई महीने में 160 शिक्षकों की अनुपस्थित पाए जाने और उनका एक दिन का वेतन काटने के बाद परिषदीय विद्यालयों की दुर्दशा उजागर हो गई है हालांकि 160 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी इसको अपनी उपलब्धि बता रहे हैं लेकिन सवाल उठता है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों की जांच करने के बाद 160 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए जो पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है यदि खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समय रहते परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया होता और विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति प्रतिदिन होती तो जिलाधिकारी के द्वारा निरीक्षण कराए जाने और स्वयं निरीक्षण करने के बाद परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक अनुपस्थित ना मिलते और उनका एक दिन का वेतन न काटा जाता 160 शिक्षकों के अनुपस्थित पाए जाने के बाद उनका वेतन काटने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी की घोर लापरवाही उजागर हो रही है इनकी मॉनिटरिंग क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं यदि इसी तरह से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की स्थित खराब रही तो चौपट शिक्षा व्यवस्था में कैसे सुधार होगा और कौशांबी के परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर कैसे होगी।