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भाकियू अराजनैतिक का स्थापना दिवस बना किसान चेतना का पर्व

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

महात्मा टिकैत को दी श्रद्धांजलि, संघर्षों की सफलताओं पर हुई चर्चा

कौशाम्बी: भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने गुरुवार को मंझनपुर, सिराथू, चरवा समेत जनपद में अपना तीसरा स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। यह दिन विशेष इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि संगठन के मार्गदर्शक एवं किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी महात्मा टिकैत की पुण्यतिथि भी इसी दिन थी।

स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर सेवा, जनजागरूकता और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया। चायल तहसील अध्यक्ष बृजेश तिवारी के नेतृत्व में सरकारी अस्पताल में मरीजों को फल वितरित किए गए। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष नमो मिश्रा द्वारा आयोजित गोष्ठी में टिकैत जी को श्रद्धांजलि दी गई और संगठन की अब तक की यात्राओं, आंदोलनों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।

मंझनपुर और सिराथू स्थित जिला कार्यालय में जिला उपाध्यक्ष रणधीर सिंह चौहान, देवराज तिवारी और पवन पांडेय ने महात्मा टिकैत के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस बीच जिलाध्यक्ष नुरुल इस्लाम के नेतृत्व में राहगीरों के बीच शर्बत और लड्डू वितरण कर सेवा और सद्भाव का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने गुरुवार को समय 2 बजे कहा, महात्मा टिकैत किसानों के वह प्रहरी थे, जिन्होंने आंदोलन की भाषा में न्याय माँगा। उनके दिखाए रास्ते पर भाकियू (अराजनैतिक) मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में 5 मई को लखनऊ में खनिज, चकबंदी और गन्ना संस्थानों के खिलाफ किए गए संयुक्त धरने ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह संगठन की ताकत और टिकैत जी के सिद्धांतों की जीत है। भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 17 मई को मंझनपुर स्थित जिला पंचायत में मासिक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें जनपद भर के किसान प्रतिनिधि भाग लेंगे और स्थानीय समस्याओं पर रणनीति तैयार करेंगे।

 

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