गुजरात के सुरेंद्रनगर में 14 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया, प्रशासन ने दी मंजूरी
गुजरात के सुरेंद्रनगर में ही मात्र एक साल में 50 से अधिक लोगों ने अपना मूल धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया है. आरोप है कि अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार को लेकर धर्म परिवर्तन किया गया है.
गुजरात के सुरेंद्रनगर में 14 लोगों ने अपने मूल धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म को अपना लिया. सुरेंद्रनगर प्रशासन ने धर्म परिवर्तन के संबंध में 14 लोगों के आवेदनों को मंजूरी दी. आरोप है कि इन लोगों ने अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार को लेकर धर्म परिवर्तन किया गया
आरोप लगाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के युवकों को घोड़े पर चढ़ने, मूंछ रखने या पानी लाने की अनुमति नहीं देने जैसी घटनाएं हो रही हैं. मंदिर में प्रवेश न करने देने का भी आरोप लगाया गया. अकेले सुरेंद्रनगर में ही मात्र एक साल में 50 से अधिक लोगों ने अपना मूल धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया.
धर्म परिवर्तित मामले में दो गिरफ्तार
बता दें कि पिछले महीने सुरेंद्रनगर जिले में स्थानीय लोगों को धर्म परिवर्तित कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए नकदी और अन्य लालच देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया. एफआईआर के अनुसार, दोनों आरोपियों ने कुछ लोगों (एक शिकायतकर्ता सहित) को धर्म परिवर्तन के लिए 20 हजार रुपए और अन्य लाभ की पेशकश की थी. उन्होंने दावा किया कि ईसाई धर्म अपनाने से उन्हें अस्वस्थता एवं आर्थिक कठिनाइयों से उबरने में मदद मिली और जो लोग ईसाई धर्म अपनाएंगे, उन्हें भी इसी तरह के लाभ मिलेंगे.
ईसाई धर्म अपनाने के लिए लाभ की पेशकश
वडाली थाने के प्रभारी निरीक्षक डीआर पढेरिया ने बताया कि सुरेंद्रनगर निवासी रतिलाल परमार और राजस्थान के उदयपुर निवासी भंवरलाल पारधी को गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने जिले के वडाली कस्बे में शिकायतकर्ता और अन्य लोगों से संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने यहां लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लाभ की पेशकश की.
विहिप और बजरंग दल ने कराई एफआईआर
शिकायतकर्ता रंजीत भंगू ने आरोप लगाया कि दोनों आरोपियों ने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ भी शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. भंगू ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी, जो उस बाजार में पहुंचे जहां आरोपी स्थानीय लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे. इसके बाद विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वडाली पुलिस से संपर्क किया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी.