नितिन केसरवानी
यदि हम सब मिलकर प्रकृति से प्रेम करें तो आने वाला भविष्य अवश्य ही हरित और सुरक्षित होगा.. चेयरमैन संजय गुप्ता
भरवारी/कौशांबी….पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और भावी पीढ़ी में पृथ्वी के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के उद्देश्य से केपीएस भरवारी में “अर्थ डे” अर्थात पृथ्वी डे पूरे उत्साह और रचनात्मकता के साथ मनाया गया। विद्यालय परिसर में इस अवसर पर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना सभा के साथ हुई, जहां पृथ्वी माता को नमन करते हुए बच्चों ने शांति और प्रकृति-संतुलन की प्रार्थना की। इसके बाद विद्यार्थियों ने विभिन्न पर्यावरणीय विषयों पर मॉडल और चार्ट बनाकर प्रदर्शनी लगाई। चार्ट्स में जल-संरक्षण, वनों की कटाई, ग्रीन एनर्जी, और प्लास्टिक मुक्त जीवन जैसे विषयों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पेड़ लगाकर ‘एक बच्चा – एक पेड़’ अभियान की शुरुआत की, जिससे बच्चों में प्रकृति के प्रति लगाव और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके। इस दौरान शिक्षकगण ने बच्चों को पौधों की देखभाल और उनका महत्व भी बताया।विद्यालय की छात्राओं ने रंगोली के माध्यम से पृथ्वी को सजाने और संवारने का संदेश दिया। सुंदर रंग-बिरंगी रंगोलियां बच्चों की रचनात्मकता और पर्यावरण प्रेम को दर्शा रही थीं। इसके अलावा, विद्यार्थियों ने कविताएं और भाषण प्रस्तुत किए, जिनमें उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण, प्रदूषण की समस्या और उसके समाधान पर विचार व्यक्त किए। छात्रों की प्रस्तुति न केवल प्रभावशाली रही, बल्कि सभी को गहराई से सोचने पर भी मजबूर कर गई।विद्यालय के चेयरमैन संजय कुमार गुप्ता ने भी इस अवसर पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा:”धरती केवल रहने की जगह नहीं, हमारी जिम्मेदारी भी है। बच्चों की यह पहल वास्तव में प्रेरणादायक है। यदि हम सब मिलकर प्रकृति से प्रेम करें तो आने वाला भविष्य अवश्य ही हरित और सुरक्षित होगा।”
इस अवसर पर विद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार जी ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जब वे खुद पेड़ लगाते हैं, प्रदूषण पर भाषण देते हैं, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश बन जाता है। हमारा प्रयास है कि शिक्षा के साथ-साथ हम बच्चों को धरती के प्रति संवेदनशील नागरिक भी बनाएं।”
कार्यक्रम का समापन “हमारी पृथ्वी, हमारी जिम्मेदारी” के उद्घोष और सभी बच्चों द्वारा लिए गए पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ हुआ। विद्यालय परिवार ने इस दिन को न केवल एक उत्सव की तरह मनाया, बल्कि इसे एक सार्थक अभियान का रूप भी दिया।