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कौशाम्बी: नेवादा PHC में एएनएम को दी गई हाई रिस्क प्रेगनेंसी की विशेष ट्रेनिंग

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News By- हिमांशु / नितिन केसरवानी

सभी को मिला डिजिटल आईडी-पासवर्ड, अरमान एनजीओ ने दिलाया ज़िम्मेदारी का डिजिटल टूल

कौशाम्बी:  मातृ-शिशु स्वास्थ्य को नई दिशा देने और ज़मीनी स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक से जोड़ने की दिशा में शुक्रवार को एक विशेष पहल की गई। PHC नेवादा में अरमान एनजीओ के सहयोग से IHRPTM (HRP) के तहत एएनएम को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (HRP) की बारीकियों पर न सिर्फ प्रशिक्षित किया गया, बल्कि उन्हें अब डिजिटल टूल्स से भी सशक्त किया गया है।

ID-पासवर्ड से लैस होंगी अब हर एएनएम

कार्यक्रम की खास उपलब्धि यह रही कि प्रशिक्षण में भाग लेने वाली सभी एएनएम का पर्सनल आईडी और पासवर्ड जनरेट किया गया, जिससे वे अब IHRPTM पोर्टल के ज़रिए ऑनलाइन ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और केस मैनेजमेंट कर सकेंगी। PHC नेवादा के प्रभारी डॉ. ललित कुमार सिंह ने कहा— “अब एएनएम सिर्फ ज़मीनी योद्धा नहीं, बल्कि डिजिटल वॉरियर भी होंगी। हर केस की ऑनलाइन एंट्री और ट्रैकिंग से कार्य में पारदर्शिता और समयबद्धता आएगी।”

डॉ. ललित कुमार सिंह की दूरदर्शी पहल

PHC   नेवादा के प्रभारी डॉ. ललित कुमार सिंह की निगरानी में चल रहे इस प्रशिक्षण सत्र को लेकर स्वास्थ्य विभाग में भी सकारात्मक चर्चा है। उन्होंने कहा— “जब तक तकनीक और सेवा को जोड़ नहीं लेते, तब तक बदलाव अधूरा रहेगा। एएनएम को अब डिजिटल टूल के ज़रिए और ताकत मिलेगी।”

डॉ. रमेश कुमार ने दी स्वास्थ्य मिशन की झलक

स्वास्थ्य विभाग के डॉ. रमेश कुमार (मेडिकल ऑफिसर) ने बताया कि मातृत्व स्वास्थ्य अब विभाग की शीर्ष प्राथमिकता है और इसमें एएनएम की भूमिका को मज़बूत करने के लिए सरकार लगातार संसाधन और ट्रेनिंग उपलब्ध करा रही है।

प्रशिक्षण में भाग लेने वाली एएनएम का उत्साह चरम पर

ब्लॉक स्तर की सभी एएनएम ने प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी की। उन्हें HRP के लक्षण पहचानने, सही समय पर रेफरल, परामर्श तकनीक, पोषण संबंधी दिशानिर्देश, मानसिक स्वास्थ्य और प्रसव-पूर्व तैयारियों पर व्यावहारिक जानकारी दी गई। कार्यक्रम के समापन पर सभी एएनएम ने गांव-गांव जाकर हाई रिस्क प्रेगनेंसी और सुरक्षित मातृत्व को लेकर जागरूकता फैलाने की सामूहिक शपथ ली।

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