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यज्ञ मनुष्य को सभ्य और संस्कारित करने का राजमार्ग है-आचार्य अमृते

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यज्ञ मनुष्य को सभ्य और संस्कारित करने का राजमार्ग है-आचार्य अमृते

 

 

राजू पटेल कसरावद (खरगोन)

यज्ञ संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म है। यज्ञ कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। यज्ञकर्ता स्वर्ग (सुख) को प्राप्त करते हैं। स्वर्ग की अभिलाषा रखने वाले व्यक्ति यज्ञ जरूर करें। यज्ञ से पर्जन्य की वर्षा होती है। यह शरीर यज्ञादि शुभ कर्मों के लिए है। यज्ञ से ही मनुष्य सभ्य और संस्कारवान बनता है। उक्त चिंतन देव ग्राम ओझरां में चल रहे चार दिवसीय 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिवस आचार्य सूरत सिंह अमृते ने दिया। शुक्रवार को 24 कुण्डीय गायत्री यज्ञ की पूर्णाहुति हुई। पूर्णाहुति के अवसर पर आमजन सहित क्षेत्रीय विधायक सचिन यादव एवं पूर्व विधायक आत्माराम पटेल ने भी पूजन-आरती में भाग लेकर व्यासपीठ से आचार्य अमृते जी का आशीर्वाद लिया। यज्ञ के समय अमृते जी ने लगभग 200 लोगों को गुरुदीक्षा दी और 50 से अधिक लोगों ने यज्ञोपवीत धारण की।

उल्लेखनीय है कि शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में हुए इस चार दिवसीय आयोजन से प्रभावित होकर 02 जीवनदानी कार्यकर्ता, एक साल के लिए 12 समयदानी, 03 माह के लिए 07 समयदानी, एक माह के लिए 16 समयदानी और सप्ताह में एक दिन के लिए 39 लोगों ने समयदान का संकल्प लिया जो समाज के लिए श्रेष्ठ काम करेंगे। समाज के भटके हुए युवाओं को दिशा देंगे, उन्हें नशामुक्त करेंगे। कार्यक्रम के अंत में शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली की भावभरी विदाई हुई। गायत्री प्रज्ञा पीठ ओझरां के समस्त ट्रस्टियों ने शाल श्रीफल देकर टोली का सम्मान किया।

 

*कन्या कौशल शिविर का आयोजन हुआ*

 

शुक्रवार शाम को देव मंच से कन्या कौशल शिविर का आयोजन हुआ। इसमें ओझरां की युवा सरपंच शालू नायक सहित करोंदिया, देवलां, बेसरकुंड, जलखां, रायपुरा, सोनखेड़ी, मथड़ाय, लोहारी, जिरभार, मुलठान, खामखेड़ा, कोदलाखेड़ी, ठनगांव आदि गांवों की 500 से अधिक बेटियों ने भागीदारी की।

कार्यक्रम में पीपल्याबुजुर्ग से आईं कुमारी हीमानी विश्वकर्मा ने बेटियों का विशेष मार्गदर्शन किया। उन्होंने बेटियों के कौशल और व्यक्त्तिव विकास संबंधी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि बेटियां किसी भी स्थिति में अपने आत्मविश्वास को न गिरने दें। उन्होंने बेटियों को पढ़ लिख कर हर क्षेत्र में अपना परचम लहराने की बात कही।

हीमानी ने कन्याओं को रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, विद्युतमा, देवी अहिल्या और जीजा बाई के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने बेटियों को फैशन से दूर रहकर सादगीपूर्ण जीवन जीने की बात कही। उन्होंने बेटियों को स्वस्थ जीवन के सूत्र भी बताए।कन्या कौशल शिविर को छोटी कसरावद की सोना कुशवाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने बेटियों को नारी जीवन की गरिमा पर प्रभावी उपदेश दिया। उन्होंने बेटियों को गृह कार्य से लेकर बोलचाल, वेश विन्यास, संयम, तप और सेवा की महत्वपूर्ण बातें समझाई। साथ ही आज के समय में अपनी आत्मा रक्षा के गुर भी उन्होंने बेटियों को सिखाए। उन्होंने बेटियों को घर परिवार से लेकर ससुराल तक अपनी कुशलता से सबका दिल जीतने की कला बताई।

शिविर में ग्राम मथड़ाय की बेटियों द्वारा ‘अन्न की बर्बादी’ विषय पर नाट्य प्रस्तुति दी गई। उपस्थित सभी बहन बेटियों ने नन्ही मुन्नी बच्चियों की इस प्रस्तुति पर तालियां बजाकर सराहना की।कन्या कौशल शिविर का शुभारंभ नारी जागरण गीत से हुआ। रामजी पाटीदार ने संगीत दिया। राहुल राठौड़ ने तबला वादन किया। झांझ पर उनका साथ प्रेम प्रकाश कुशवाह ने दिया।

शिविर का संचालन साधना पटेल ने किया। आभार प्रदर्शन रंजना पटेल ने किया।

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