ग्राम ओझरा में गायत्री परिवार द्वारा आयोजित चार दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा आचार्य सूरत सिंह अमृते ने कहा
*अज्ञान ही दु:ख का कारण*
राजू पटेल कसरावद (खरगोन)
कसरावद के ग्राम ओझरा में गायत्री परिवार द्वारा चार दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा का शुभारंभ हुआ। सायंकालीन सत्र में शांतिकुंज हरिद्वार से आए कथावाचक सूरत सिंह अमृते ने बताया कि आज समस्त दुःखों का कारण अज्ञान ही है। उन्होंने कहा कि यह मानव जीवन संसार रूपी भवसागर से पार होने का माध्यम है। परंतु आज मानव भटक गया है। अज्ञानवश वह धन और दौलत में सुख खोजता है। परंतु वह नहीं जानता कि वास्तविक सुख तो आत्मज्ञान में है।
अमृते जी ने बताया कि ज्ञान का प्रकाश होते ही डाकू रत्नाकर वाल्मीकि ऋषि बन जानते हैं। अंगुलिमाल बौद्ध भिक्षुक बन जाते हैं। इसलिए कहते हैं कथा में जाने से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है। कथा जीवन की व्यथा को हर लेती है। दु: ज्ञान के बल पर समाप्त हो जाते हैं। वह ज्ञान ही था जिसके कारण हमारा देश जगतगुरु था।
कथावाचक अमृते ने बताया कि पहले घर घर रामायण और गीता पढ़ाई जाती थी। हर बच्चा ज्ञान से ओतप्रोत रहता था। अमृते ने बताया कि अपने बच्चों को अज्ञान से बचाना है तो कम से कम 10 से 15 मिनट उनको आध्यात्मिक ज्ञान अवश्य दें। माता पिता उनके साथ बैठें और छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से उनको प्रेरित करें। इसी के साथ पहले दिन की कथा का समापन हुआ। कथा समापन पर प्रज्ञा पुराण की आरती हुई। तत्पश्चात सभी को प्रसादी वितरित की गई। कथा सुनने ग्राम ओझरां सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।