विद्युत विभाग की लापरवाही विद्युतकर्मी की विद्युत की चपेट में आने से मौत।
आक्रोशित परिजन, रिश्तेदार एवं लोगों ने शव लदा एम्बुलेंस सड़क पर खड़ा कर किया चक्काजाम।
अरविंद सिंह परिहार सीधी
जिले के विद्युत वितरण केन्द्र मझौली में पदस्थ आउटसोर्स लाईनमैन की ट्रांसफार्मर में सुधार करते वक्त बिजली सप्लाई बंद न होने से 11000 वोल्टेज के विद्युत लाइन के चपेट में आने से विगत 8 दिसंबर को मौत हो गई थी जिसको लेकर आक्रोशित परिजन रिश्तेदार एवं क्षेत्र के लोगों गुस्सा फूट पड़ा। शव वापस आने से पूर्व ही मझौली के तिलवारी तिराहे पर 9 दिसंबर को दोपहर 1 बजे से चक्काजाम शुरू कर दिया गया। शव वापस आ जाने शव वाहन को भी सड़क पर खड़ा कर लापरवा कनिष्ठ यंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया खबर लगते ही मझौली एसडीएम आरपीडी त्रिपाठी, तहसीलदार दशरथ सिंह, आशीष मिश्रा, थाना प्रभारी मझौली दीपक सिंह बघेल पुलिस बल के साथ पहुंचे लोगों को यह आश्वासन दिलाते हुए की विद्युत विभाग के एसी को आप लोगों के समक्ष बुलाया जाएगा जो मांगे होगी नियम अनुसार पूर्ण कराए जाने का प्रयास भी किया जाएगा तब लगभग 1 घंटे तक हुए चक्के जाम में वाहनों की दोनों ओर कतारे लग चुकी थी आने जाने वाले लोग परेशान थे जिन वाहनों को आंदोलनकारी के सहमत पर निकलवाया गया। तथा विद्युत विभाग के जिला अधिकारियों को धरना स्थल पर आने के लिए उपखंडी अधिकारी मझौली एवं थाना प्रभारी मझौली द्वारा कहा गया लेकिन 1 घंटे इंतजार के बाद जब विद्युत विभाग के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे तो पुनः लोग सड़क पर बैठ चक्का जाम करते हुए विद्युत विभाग कर्मचारी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। तब पुनः एसडीएम एवं थाना प्रभारी द्वारा विद्युत विभाग के कर्मचारियों को स्थिति से अवगत कराते हुए आने को कहा गया तब 2 घंटे बाद पहुंचे ऐसी पंच राज तिवारी, डी रवि गुप्ता,एई वेदाचार्य पाठक पहुंच आंदोलनकारी की मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर तीन से चार घंटे तक चला आंदोलन खत्म किया गया।
आक्रोशित लोगों का कहना था कि विद्युत वितरण केन्द्र मझौली अंतर्गत छुही हाट बाजार के पास 8 दिसम्बर को दोपहर करीब 11.52 बजे आउटसोर्स कंपनी राजदीप इंटरप्राइजेज प्रायवेट लिमिटेड के विद्युतकर्मी पुष्पेन्द्र द्विवेदी उम्र 24 वर्ष निवासी गंगेई थाना मझौली काम करने गए थे। विद्युत सप्लाई बंद करने की सूचना दी गई लेकिन विद्युत की सप्लाई बन्द नहीं किया गया बोल दिया गया कि बंद कर दिया गया है विद्युत सुधार करते समय करंट लगा और वह बेहोश होकर नीचे गिर गये। मझौली में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें तत्काल जिला अस्पताल सीधी पहुंचाया गया, जहां हालत गंभीर होने पर रीवा रेफर कर दिया गया। रीवा अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। चक्काजाम आंदोलन के दौरान मृतक के मामा नोखेलाल तिवारी, जिला पंचायत सदस्य कृष्णलाल पयासी छोटू, जिला भाजपा मंत्री अखिलेश पाण्डेय समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे। लोगों की मांग थी कि मृतक के पत्नी गंभीर बीमारी से ग्रसित है दो बच्चे हैं माता-पिता जो की मृतक पर ही आश्रित थे परिजन को 20 लाख की आर्थिक मदद, अनुकम्पा नियुक्ति, पत्नी को पेंशन, मझौली जेई को निलंबित करने तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
*अधीक्षण अभियंता ने जल्द मदद का किया ऐलान*
चक्काजाम की खबर मिलने पर विद्युत वितरण कम्पनी सीधी के अधीक्षण अभियंता पंचराज तिवारी, कार्यपालन अभियंता रवि कुमार गुप्ता, एई वेदाचार्य पाठक मौके पर पहुंचे। अधीक्षण अभियंता पंचराज तिवारी द्वारा परिजनों से चर्चा के पश्चात 4 लाख रूपये विभाग से, 5 लाख रूपये आउटसोर्स कम्पनी से तथा 50 हजार रूपये विभागीय कर्मचारियों के सहयोग से दिलाने का आश्वासन दिया गया। वहीं मझौली के कनिष्ट यंत्री भरत शाह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। जांच के पश्चात निलंबन की कार्रवाई की जावेगी। चक्काजाम आंदोलन करीब 4 बजे समाप्त हुआ।
*मान ली गई होती बातें तो ना फैलाना पड़ता हाथ*
लोगों एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की माने तो ऐसे कर्मचारियों की हितों को लेकर विगत 30 नवंबर को जिला स्तर पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पत्रोंपाधि अभियंता संघ वृत्त इकाई सीधी की बैठक में कर्मचारियों के अभियंताओ द्वारा बात रखी गई थी जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों को लाइन पर काम करने हेतु अधिकृत करने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन अधीक्षण यंत्री (प्रबंधन) द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही ना करते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों से क्षेत्र में लाइन सम्बंधित कार्य अनौपचारिक रूप से कराया जाता रहा। यदि रखी गई मांग मान ली गई होती तो शायद मृतक के परिजनों को आज आर्थिक मदद के लिए शासन प्रशासन के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता ना ही सड़क पर बैठने की स्थिति निर्मित होती क्योंकि यदि विद्युत प्रबंधन द्वारा ऐसे कर्मचारियों को अधिकृत किया गया होता तो नियमानुसार उनकी सभी मांगे अपने आप मिल जाती। अब देखना होगा जबकि ऐसी घटना घटित हो चुकी है मृतक के परिजनों, रिश्तेदारों एवं क्षेत्र के लोगों को को उनके परिवार के पालन पोषण के लिए सड़क पर बैठना पड़ा है ऐसे कर्मचारियों के लिए विभाग क्या कुछ कदम उठाता है।