Breaking News in Primes

अप्सरा ने छोड़ दिया स्वर्ग का सुख

0 166

*अप्सरा ने छोड़ दिया स्वर्ग का सुख*

 

*शहीद भवन सभागार में ‘जसमा ओड़न’ का मंचन*

भोपाल। सेवा भाव जागरण संस्थान के तत्वाधान मे सोमवार को शहीद भवन सभागार में नाटक ‘जसमा ओड़न का मंचन किया गया। यह नाटक एक काल्पनिक कहानी पर केंद्रित है। लोकशैली भवई पर आधारित नाटक को बुदेली स्टाइल में प्रस्तुत किया गया।

 

‘जसमा ओड़न’ की कहानी एक ऋषि और अप्सरा के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें ऋषि और अप्सरा के पुर्नजन्म की कथा का प्रभावी चित्रण किया गया। अगले जन्म में अप्सरा स्वर्ग का सुख छोड़ पृथ्वी पर पति के साथ रहना चाहती है। एक घंटे की प्रस्तुति का निर्देशन युवा रंगकर्मी हिम्मत राधिका नारोलिया और लेखन शांता मांघी ने किया है।

 

*पुर्नजन्म में मिलते हैं ऋषि और अप्सरा*

 

नाटक की शुरुआत नायक रंगला की एट्री से होती है। वह जसमा ओड़न की कहानी सुनाता है। कहानी में इंद्रदेव का सिंहासन गायब हो जाता है। इंद्र को अपने सहायकों से पता चलता है कि कोई ऋषि घोर तपस्या कर रहा है। जिससे इंद्र का सिंहासन गायब हो गया। अप्सरा कामकुडला को ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए भेजा जाता है। वह अप्सरा ऋषि का तप भंग कर देती है।

 

• शहीद भवन सभागार में सोमवार की शाम मंचित नाटक के एक दृश्य में ऋषि का तप भंग करती अप्सरा.

 

*बुंदेली संगीत का बेहतरीन इस्तेमाल*

 

नाटक में बुंदेली भाषा में कुछ खूबसूरत गीत प्रस्तुत किए गए। सौरठ देश मनभावन सरस मेरा…’ लाल बैरागन बन जाऊ जोगी के कारण और हम है काठियावाड़ी गीत रंगप्रेयिमों को पसंद आए। संगीत परिकल्पना राम जी सेन की रही। ढोलक पर राधेश्याम मिश्रा में संगत की।

 

*नाटक में अभिनय*

 

संघरत्ना बनकर, कामनी सिंह गोविंद ,हिम्मतवानी, समीर, रेणुका चौधारी ,सिंधु वर्मा आदि।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!