आवास में किए काम की मजदूरी मांगना हरिजन परिवार को बड़ा महंगा।
आग बबूला हुए रोजगार सहायक ने आईडी डिलीट कर सभी योजनाओं से किया वंचित।
न्याय पाने वर्षों से दर-दर भटक रहे पीड़ित परिवार, मीडिया से लगाई न्याय की गुहार।
सीधी/मझौली
जनपद क्षेत्र मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत खन्तरा के ग्राम बघैला का मामला सामने आया है जहां एक हरिजन परिवार को पीएम आवास योजना में किए गए काम की तात्कालिक रोजगार सहायक नितेश पांडे से मजदूरी मांगना महंगा पड़ गया। मजदूरी का पैसा तो मिला ही नहीं आग बबूला रोजगार सहायक ने पंचायत से समग्र आईडी ही डिलीट कर सभी योजनाओं से वंचित कर दिया। जहां पीड़ित परिवार वर्षों पूर्व से न्याय पाने पति-पत्नी दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन लेकिन न्याय मिलने के स्थान पर जिम्मेदारों द्वारा धैस -धमकी दी जा रही है।
मीडिया को अपनी व्यथा सुनाते हुए सुनीता पति रामलालू कोरी निवासी ग्राम बघैला ग्राम पंचायत खतरा द्वारा बताया गया कि हमारे सास को आवास मिला था जिसे हम लोग मजदूरी मेहनत कर कंप्लीट कराया लेकिन मजदूरी की राशि नहीं मिली तब हमने रोजगार सहायक नितेश पांडे से मजदूरी मांगी नहीं देने पर शिकायत करने के लिए बोली तो उन्होंने धमकी देते हुए बोले की मजदूरी तो पाओगे ही नहीं अन्य योजना से भी वंचित हो जाओगे। और हमारे परिवार आईडी डिलीट कर दिए जब मेरी लाडली बहना योजना की राशि नहीं आई तथा खाद्यान्न भी नहीं मिला तो मैं इधर-उधर पूछताछ करने लगी लेकिन कई माह तक जानकारी नहीं लगी जब जानकारी हुई तो मैं कलेक्टर महोदय को आवेदन पत्र पेश कर अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई। जिस पर जांच कार्यवाही करते हुए तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ मझौली एस एन द्विवेदी जी द्वारा जांच कार्यवाही करते हुए। दोशी पाए जाने पर आदेश जारी किया गया था कि जब तक हितग्राही की आईडी जुड़ ना जाए तथा उसको योजना का लाभ ना मिलने लगे तब तक जिस माह से यह योजनाओं से वंचित है जब तक शासन द्वारा योजना का लाभ प्रदान ना हो तात्कालिक रोजगार सहायक नितेश पांडे के वेतन से जिस दर से लाडली बहना योजना की राशि प्रदान होती है पीड़ित को उसके द्वारा दिए गए खाते में हस्तांतरित कराई जाए। यह आदेश 23 फरवरी 2024 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मझौली द्वारा जारी कर नरेगा अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि उक्त राशि पीड़ित महिला को प्रदान कराया जाए। लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को ना तो शासकीय योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है ना ही रोजगार सहायक के वेतन से काटकर राशि दी गई। बल्कि धृतकार भगा दिया जाता है सुनीता कोरी द्वारा बताया गया कि सीईओ के कहे अनुसार हमने कई बार मण्डाले सर से मिले जिस दिन सीईओ साहब रहते थे। प्रेम से बोला करते थे जब नहीं रहते थे तो रौध दिखाते हुए भगा दिया करते थे अब जब सर चले गए हैं तो उनके द्वारा साफ तौर पर बोला गया कि मैं किसी की संपत्ति किसी को नहीं दे पाऊंगा। खबर है कि रोजगार सहायक को वेतन भी प्रदान हो चुका है फिर भी मजदूरी एवं लाड़ली बहना योजना की राशि न दे कर डांट फटकार एवं धमकी दी जा रही है। जिसकी शिकायत 181 पर भी की गई है जिसके लिए भी रोजगार सहायक एवं उनके शुभचिंतक अधिकारियों द्वारा शिकायत कटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिसको लेकर आज पुनः पीड़ित परिवार जनसुनवाई में पहुंचे थे लेकिन संबंधित अधिकारी के न रहने पर एसडीएम के शिरकत के बाद जनपद के बाबू आवेदन लेकर आश्वस्त किए हैं कि आपको न्याय दिलाया जाएगा।
रोजगार सहायक नितेश पांडे एवं मनरेगा अधिकारी प्रदीप मण्डाले के इस कृत्य से हरिजन परिवार काफी व्यथित दुखी एवं डरा सहमा हुआ है। जो अधिकारियों के साथ मीडिया से न्याय की गुहार लग रहा है।
*मीडिया के बयान से भागे मनरेगा अधिकारी*
कई वर्षों से जनपद पंचायत मझौली में अंगद की तरह पांव जमाए जिले में निवास कर फोकट के वेतन एवं कमीशन बटोर रहे मनरेगा अधिकारी प्रदीप मण्डाले पीड़ित परिवार के दो माह पूर्व जनसुनवाई में पहुंचने के दौरान तो नहीं रहे लेकिन कई दिनों बाद जब एक दिन वह कार्यालय में दिखे तो मीडिया द्वारा जब बयान लेने का प्रयास किया गया तो मीडिया से दूर भागते हुए यही कहते रहे की सीईओ के पास जाइए जबकि सीईओ द्वारा पूर्व में आदेश जारी किया जा चुका था। मनरेगा अधिकारी का यह कृत संदिग्ध माना जा रहा है। क्योंकि लोगों की माने तो इस समय ज्यादातर अधिकारी व ग्राम पंचायत सचिव ,मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर जिले एवं शहडोल जिले के ब्यौहारी में डेरा जमाए वेतन एवं कमिशन समेट रहे हैं।
अब देखना होगा जबकि पीड़ित हरिजन परिवार वर्षों पूर्व से न्याय के लिए भटक रहा है। खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन क्या कुछ कदम उठाता है।