जकार्ता.
इंडोनेशिया को नया राष्ट्रपति मिल गया है। प्रबोवो सुबियांतो ने आज सुबह आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम बहुल राष्ट्र के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इसी के साथ उन्होंने इंडोनेशिया की सैन्य तानाशाही के काले दिनों के दौरान अधिकारों के हनन के आरोपी एक पूर्व जनरल से राष्ट्रपति भवन तक की अपनी यात्रा पूरी की।
73 साल के पूर्व रक्षा मंत्री सुबियांतो ने सांसदों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में मुस्लिम पवित्र ग्रंथ कुरान पर शपथ ली। इसके बाद हजारों समर्थकों ने सड़कों पर खुशी मनाई। जकार्ता में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, रूस, दक्षिण कोरिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों समेत 40 से अधिक देशों के नेता और वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे।
एक लाख जवान तैनात
इंडोनेशियाई पुलिस और सेना ने शपथ समारोह की तैयारी के लिए जकार्ता में कम से कम एक लाख कर्मियों को तैनात किया है, जिसमें स्नाइपर और दंगा-रोधी इकाइयां शामिल हैं, जो बुधवार तक तैनात रहेंगे।
इस नेता की जगह ली
सुबियांतो ने राष्ट्रपति रहे जोको विडोडो की जगह ली है। वह इससे पहले भी विडोडो के सामने दो बार चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन हार का ही सामना करना पड़ा। हालांकि, विडोडो ने अपने पुनर्निर्वाचन के बाद सुबियांतो को रक्षा प्रमुख नियुक्त किया था, जिससे उनके प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बावजूद गठबंधन का रास्ता साफ हो गया।
अप्रैल में किया था एलान
इंडोनेशिया के चुनाव आयोग ने 24 अप्रैल को एक समारोह में औपचारिक रूप से प्रबोवो सुबियांतो को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। प्रबोवो सुबियांतो पूर्व रक्षा मंत्री हैं। उन्होंने 58.6 फीसदी वोटों या 96 मिलियन से अधिक मतपत्रों के साथ राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने अपने दोनों प्रतिद्वंदियों से भी दोगुने वोट से जीत हासिल की है। हालांकि, उनके प्रतिद्वंद्वियों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने धोखाधड़ी से जीत हासिल की है।