शासन प्रशासन के आदेश निर्देश की उडी धज्जियां, औपचारिकता में सिमटा कार्यक्रम।
मझौली क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में दिखी मनमानी अधिकांश विद्यालयों में लटके रहे ताले।
अरविंद सिंह परिहार सीधी /मझौली
आयोजित अन्य कार्यक्रमों की तरह कृष्ण जन्मोत्सव के पावन पर्व भी मनमानी पूर्ण रवैया से औपचारिकता पूर्ण की गई। जिसमें सबसे ज्यादा लापरवाही मझौली उपखंड में देखी गई। कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो क्षेत्र के अधिकांश शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में यह कार्यक्रम दिखावा मात्र रह गया यहां तक की अधिकांश विद्यालयों में अवकाश की भांति ताले लटके रहे।
विदित हो की मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार आयुक्त शिक्षण संचनालय मध्य प्रदेश शासन गौतम नगर भोपाल द्वारा आदेश जारी कर किया जाकर शासन द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन के अनुसार जिले भर के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में कृष्ण जन्मोत्सव मनाए जाने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लेख किया गया था। किंतु मझौली क्षेत्र के कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश विद्यालयों ने मुख्यमंत्री के निर्देश तथा आयुक्त शिक्षण संचनालय के आदेश को नजर अंदाज करते हुए मनमानी पूर्वक औपचारिकता पूर्ण की गई यहां तक की कुछ विद्यालयों के ताले तक नहीं खुले अधिकांश विद्यालयों में मात्र शिक्षक विद्यालय खोलकर 4–6 बच्चों को बैठे देखे गए। हमारे स्थानीय संवाददाता द्वारा मझौली क्षेत्र के कई शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों का जायजा लिया गया। जहां कुछ विद्यालयों में शिक्षक ताले खोलकर बैठे देखे गए कुछ में ताले लटके मिले। वही मझौली नगर परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की भी खबर लिखे जाने तक कोई सुगबुगाहट नहीं हुई है। जब की पूर्व में अवकाश होने तथा शासन के बिना आदेश निर्देश के समारोह पूर्वक उत्सव के रूप में कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व बड़े धूमधाम से शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मझौली के प्रांगण में आयोजित किया जाता था जिसकी तैयारी दो-तीन दिन पूर्व से चालू हो जाती थी। तथा हांडी हांडी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित होती थी जहां क्षेत्र की दर्जनों टीम पहुंच इस प्रतियोगिता में भाग लेती थी। कुन्तु इस वर्ष जब की मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कृष्ण जन्माष्टमी पर्व उत्सव पूर्वक मनाया जाना है फिर भी खबर लिखे जाने तक नगर परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सुगबुगाहट नहीं हो रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन शासन द्वारा चलाए गए अभियान एवं आयोजित किए गए कार्यक्रमों पर कितना अमल कर रहा है। अब देखना होगा जबकि राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मनमानी एवं लापरवाही का साया रहा उसी ही कृष्ण जन्मोत्सव भी औपचारिकता में सिमट कर रह गया है शासन प्रशासन द्वारा क्या कुछ कवायत की जाती है।