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जादू की दुकान बनी शुभम यूनिवर्सिटी, शासन को गुमराह कर स्कॉलरशिप ऐंठ रही यूनिवर्सिटी

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जादू की दुकान बनी शुभम यूनिवर्सिटी, शासन को गुमराह कर स्कॉलरशिप ऐंठ रही यूनिवर्सिटी

 

नियम कायदे और कानून सब जेब में, लक्ष्य सिर्फ पैसा

 

तरुण कुमार दुबे 

 

भोपाल। राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शुभम यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक और वित्तीय अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है, आलम ये है कि यूनिवर्सिटी में इतने छात्र पंजीबद्ध नहीं हैं जितनों के नाम से स्कॉलरशिप का पैसा डकार लिया गया है। बात यही खत्म नहीं होती जो छात्र पंजीबद्ध हैं वे भी नियमित नहीं है जबकि नियमानुसार यह गलत है। नियम अनुसार स्कॉलरशिप लेने के लिए 75% अटेंडेंस लगना जरूरी होता है, लेकिन “जादुई दुनिया” शुभम यूनिवर्सिटी बिना 75% अटेंडेंस के स्कॉलरशिप ले रही है। अब इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने वाले संस्था को जादुई दुनिया कहना ही न्यायोचित होगा। शुभम यूनिवर्सिटी में पर्याप्त फैकल्टी मेंबर्स भी नहीं है बिना फैकल्टी मेंबर्स के यूनिवर्सिटी राम भरोसे ही चल रही है और छात्रों के भविष्य का बेड़ा गर्क करने पर तुली हुई है। यहां फैकल्टी के नाम पर केवल 10 से 12 लोगों स्टॉफ है, जबकि यूनिवर्सिटी में बाकी सब काम महज़ ऑन पेपर ही चल रहा है।

 

 

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी की एक भी बस नहीं है जबकि ट्रांसपोर्टेशन के लिए यूजीसी की गाइडलाइन में यूनिवर्सिटी चलाने के लिए बस का होना जरूरी है। यूनिवर्सिटी में कम से कम 10 से ज्यादा पीएचडी होल्डर मास्टर डिग्री फैकेल्टी होना चाहिए लेकिन इस जादुई दुनिया मे यहां भी घोटाले चल रहे हैं। यहाँ एक ही आदमी कई विषयों में पारंगत बताया जाता है, कोई शक नहीं कि यूनिवर्सिटी ने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की कसम खा रखी है।

 

 

नियमानुसार यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट में कम से कम 100 लोगों से ज्यादा का स्टाफ होना चाहिए जबकि उनके पास 10 लोगों का स्टाफ भी नहीं है। यूनिवर्सिटी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी का एनओसी नहीं है फायर सेफ्टी का बिल्कुल भी ध्यान बिल्डिंग में नहीं रखा गया है। ऐसे में आगजनी जैसी कोई बड़ी दुर्घटना का डर भी बना हुआ है। यूनिवर्सिटी में रेगुलर क्लासेस नहीं लग रही है कोई भी बच्चा यूनिवर्सिटी नहीं आता है बच्चों का सिर्फ ऑन पेपर एडमिशन लिया है यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 75% बच्चे रेगुलर होना आवश्यक है शुभम यूनिवर्सिटी यूजीसी की गाइडलाइन को फॉलो नहीं कर रहे हैं । शासन से फर्जी तरीके से स्कॉलरशिप निकाल कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा रही शुभम यूनिवर्सिटी के काले कारनामों को पढ़ते रहिए अगली कड़ी में।

 

क्या कहना है ।

 

जिस व्यक्ति को आपने कॉल किया है उन्होंने अपनी कॉल किसी दूसरे नंबर पर अग्रेषित की हुई है।  

 

कुलदीप सारस्वत

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